जम्मू–कश्मीर: इस्लाम का अध्ययन करे शिक्षा मंत्री : जमाते इस्लामी

श्रीनगर: जमाते इस्लामी ने शिक्षा मंत्री नईम अख्तर के बयान को ‘जिसमें उन्होंने यहां के औलिया किराम को धर्मनिरपेक्ष करार दिया था’ वास्तविकता से दूर बताते हुए मंत्री महोदय को इस्लाम की वास्तविक शिक्षाओं का अध्ययन करने की सलाह दी है. स्पीकर ने कहा कि महोदय की यह बद कलामी वास्तव में इस्लाम से अलगाव और नागपुर सिद्धांत की आँख बंद करके पालन का नतीजा है.

मंत्री महोदय सही मायने में ‘खुद बदलते नहीं कुरान को बदल देते हैं’ के मिसदाक़ बन चुके हैं. तर्जमान का कहना है कि इस्लाम एक सार्वभौमिक सिद्धांत है जिसके नियम किसी क्षेत्र या देश में परिवर्तन नहीं हुआ करते . तर्जमान ने मंत्री से कहा कि ‘नईम साहब को चाहिए कि वे इस्लाम और पैगंबर की जीवनी का गहराई से अध्ययन करें और उन शिक्षाओं को हजरत मीर सैयद अली हमदानी हज़रत बुलबुल शाह, हजरत शेख मखदूम हज़रत शेख आलम जैसे बुजुर्गों के जीवन से तुलना करके देखें जिसमें मंत्री जी रत्ती भर फर्क महसूस नहीं करेंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमेशा इस्लाम की सही प्रतिनिधित्व और पालन किया है और लोगों को भी वास्तविक और सच्चे इस्लाम के अधीन रहने पर ही जोर दिया है. लिहाज़ा मंत्री को ईमानदारी का सबूत पेश करके उनके महत्वाकांक्षी बुजुर्गों की छवि को बिगाड़ने से हर हाल में बचना चाहिए था।