मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुल्क के मुसलमान कोर्ट की राय का ‘एहतराम’ करते हैं- वली रहमानी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या विवाद मामले में मध्यस्थता के सुप्रीम कोर्ट के विचार पर कहा कि वह अदालत की राय का एहतराम (सम्मान) करता है।

बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने गुरुवार को कहा, ‘बोर्ड अयोध्या के विवादित स्थल के मामले में दूसरे पक्ष से कोई बातचीत ना करने के रुख पर अब भी कायम है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि बोर्ड और मुल्क के मुसलमान सुप्रीम कोर्ट की राय का ‘एहतराम’ करते हैं।’

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील ने कहा है कि अदालत की राय के सम्मान में हम एक बार फिर बातचीत की कोशिश कर सकते हैं। बोर्ड महासचिव ने कहा ‘अगर बातचीत से कोई हल निकल सकता है तो बड़ी अच्छी बात है। हमें बहुत खुशी होगी। अगर दोनों पक्ष किसी एक बात पर संतुष्ट हो जाएं तो सुबहान अल्लाह।’

बोर्ड महासचिव ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि बातचीत की कोई ‘गाइडलाइन’ होनी चाहिए और यह वार्ता कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। अदालत इसका नुस्खा बताएगी। अब 06 मार्च को अदालत इस पर अपनी राय जाहिर करेगी।