इंटरमीडिएट इमतेहानात में एक मिनट की ताख़ीर से कई स्टूडेंट्स शिरकत से महरूम

हैदराबाद 03 मार्च: इंटरमीडिएट इमतेहानात में शिरकत करने वाले स्टूडेंट्स को एक मिनट की ताख़ीर पर इमतेहान हाल में शिरकत से महरूम कर देने के बोर्ड आफ़ इंटरमीडिएट के फ़ैसले ने इमतेहान में कामयाबी का ख़ाब देखने वाले कई स्टूडेंट्स के ख़ाबों को चकना-चूर कर दिया।

इंटरमीडिएट इमतेहानात का आग़ाज़ अमल में आया, कई स्टूडेंट्स जो इंतेहाई तकलीफ़-ओ-मुसीबतें बर्दाश्त करते हुए और दिल में इमतेहान में कामयाबी हासिल करने का अरमान लिए इमतेहान हाल पहुंचने पर एक मिनट की भी ताख़ीर पर इमतेहान हाल में दाख़िले की इजाज़त नहीं दी गई जिससे स्टूडेंट्स को बेहद मायूसी हुई।

कई स्टूडेंट्स जो सिर्फ एक मिनट की ताख़ीर से इमतेहानी मर्कज़ पहुंचे थे उन्हें हाल में दाख़िल होने से रोक दिया गया। इन मायूस स्टूडेंट्स को रोते देखा गया जबकि बच्चों की तालीम पर हज़ारों लाखों रुपये ख़र्च करने वाले वालिदैन दिलबर्दाशता देखे गए।

तारनाका के इमतेहानी मर्कज़ पर एक स्टूडेंट के वालिद ने अपना नाम ना बताते हुए कहा कि थोड़ी सी ताख़ीर पर मेरे लड़के को इमतेहान हाल में शिरकत से रोक दिया गया जबकि कई तकलीफ़ झेलते हुए वो इमतेहानी मर्कज़ पहुंचे थे।

इस तरह के मनाज़िर सारे शहर में देखे गए। एक उम्मीदवार के ब्रहम वालिदैन ने बताया कि सिर्फ एक मिनट की ताख़ीर से ज़लज़ला या सूनामी तो नहीं आजाएगी बच्चों का क़ीमती एक साल बर्बाद ज़रूर हो जाएगीगा।

उन्होंने बोर्ड के एक मिनट ताख़ीर के फ़ैसले को ग़लत बताया। एक सीनीयर जर्नलिस्ट ने बताया कि हैदराबाद में स्टूडेंट्स के लिए एक घंटा पहले इमतेहानी मर्कज़ पहुंचना आसान नहीं है, यहां कई एक मसाइल हैं, सड़कों पर ट्रैफ़िक का अज़धाम , बसों में हुजूम , बसों की आमद-ओ-रफ़्त में ताख़ीर भी उनमें शामिल है।

उन्होंने बताया कि पहले इस तरह का क़ानून था कि इमतेहान के आग़ाज़ के आधे घंटे तक भी स्टूडेंट्स को इमतेहान लिखने की इजाज़त दी जाती थी और इस तरह ताख़ीर का स्टूडेंट्स ख़ुद ज़िम्मेदार होता सिर्फ एक मिनट की ताख़ीर से स्टूडेंट्स का तालीमी कैरीयर तबाह हो जाएगीगा।