उस्मानिया सल्तनत से मिली हार को आज भी पचा नहीं पा रहे हैं इस्लाम के दुश्मन- एर्दोगन

एर्दोगन ने एक बार फिर मुसलमानों के दुश्मनों को कड़ी चेतावनी दी है।
न्यूजीलैंड मस्जिदों पर हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने दुनिया भर में फैले आतंकवाद के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इस बार एर्दोगन के सख्त रवैये को लेकर दुनिया में आलोचना भी हो रही है, मगर एर्दोगन अपने दुश्मनों को खुली चुनौती दे दी है।

तुर्की राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो लोग हमारी राजधानी इस्तांबुल को कुस्तुन्तुनिया बनाने की सोच रहे हैं मैं उनको बताना चाहता हूँ कि उनका हाल वही होगा जो उनके बाप दादा का हुआ,हम उन्हें कफ़न में लपेट कर वापस भेजेंगे।

दि इंक़िलाब हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, अपने दुश्मनों को सख्त चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि जब जब तुम लोगों ने इस्तांबुल पर हमला करने की और उस पर कब्जा करने की सोची तब तब हमने तुम्हें सबक सिखाया है और तुम्हें जिंदा भी वापस भेजा और कफन में लपेट कर भी भेजा।

इस बयान के बाद पूरी दुनिया में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि यहूदी और ईसाई इस्तांबुल को कुस्तुन्तुनिया के नाम से जानते थे लेकिन इस पर उस्मानिया सल्तनत का शासन रहा और वह हमेशा इस पर कब्जा करने के लिए हर प्रकार का हथकंडा अपनाते रहते थे और इसे कभी भी इस्तांबुल की स्वीकार नहीं किया।

इसे अपने भाषणों और रैलियों में कुस्तुनतुनिया कहकर संबोधित किया हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू के बेटे ने इस शहर को इस्तांबुल की जगह कुस्तुनतुनिया कहा और न्यूजीलैंड में हुए हमले के आतंकवादी ने भी इसे कुस्टंटूनिया ही कहा जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उस्मानिया सल्तनत से मिली हार को यह आज भी पचा नहीं पा रहे है और हमेशा बदले कि भावना मुसलमानों के प्रति रखते है।