कासगंज में हिंसा के एक साल पर धारा 144 लागू, मशीन गन के साथ निगरानी

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पिछले साल गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा और उसके बाद भड़के दंगों के मद्देनजर प्रशासन इस बार पूरी तरह से मुस्तैद है। जिला प्रशासन ने इलाके में  लागू कर दिया है और किसी भी तरह की रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी है। पुलिस ने फ्लैग मार्च रिहर्सल के साथ ही किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए छतों पर लाइट मशीनगन लगा दिए हैं।

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे जिले को दो जोन में बांट दिया गया है। इसे बाद में 8 सेक्टर्स और 85 ड्यूटी पॉइंट्स में बांट दिया गया है, जहां पुलिसकर्मियों के साथ मजिस्ट्रेट जिले की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। पीएसी और आरएएफ की दो कंपनियों के साथ ही 20 पुलिस इंस्पेक्टर, 83 सब इंस्पेक्टर, 97 हेड कॉन्सटेबल, 60 कॉन्सटेबल और 8 महिला कॉन्सटेबल को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है। इसके साथ ही एक एसीपी और दो सीओ भी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे।

कासगंज के एसपी अशोक कुमार ने हमारे सहयोगी टीओआई से बातचीत में बताया, ‘इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। ड्यूटी पर तैनात पुलिस और प्रशासन का हर एक व्यक्ति दंगा सुरक्षा के मानकों को लेकर चलेगा और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार होगा। संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ही हमने कुछ जगहों पर छतों पर 13 लाइट मशीन गन्स लगा दी हैं। असामाजिक तत्वों की हरकतों पर हमारी पूरी नजर रहेगी।’

उन्होंने बताया, ‘हमने 26 लोगों के खिलाफ गुंडा ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जो पिछले साल की हिंसा में शामिल थे। इसके साथ ही 258 लोगों पर 5 से 6 लाख रुपये प्रत्येक का पर्सनल बॉन्ड भी लगा दिया गया है। हमने आम जनता को भी किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने तथा ऑनलाइन उपलब्ध किसी भी ऐसी चीज को शेयर नहीं करने की सलाह दी है, जिससे घृणा का भाव पैदा हो।’

एसपी ने बताया, ‘पुलिस और प्रशासन की तरफ से यह सभी प्रयास स्थानीय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। कासगंज के लोगों को हम स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि किसी भी तरह की असामाजिक हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी लोग शांतिपूर्ण ढंग से गणतंत्र दिवस मनाएं।’ वहीं इस बार तिरंगा यात्रा की अनुमति न मिलने से यहां के कई संगठन नाराज हैं। उनका कहना है कि भले ही उन्हें प्रशासन ने अनुमति न दी है, लेकिन वे तिरंगा यात्रा जरूर निकालेंगे।

बता दें कि पिछले साल गणतंत्र दिवस के दिन संकल्प फाउंडेशन ने तिरंगा यात्रा में बाइक रैली निकाली थी, जिसके बाद बवाल हुआ था।कासगंज हिंसा के आरोपी विशाल ठाकुर और हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता दोनों ही संकल्प फाउंडेशन के ही सदस्य थे। 26 जनवरी 2018 को इस फाउंडेशन की तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच संघर्ष हो गया था। विवाद के दौरान तिरंगा यात्रा में शामिल चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई। चंदन की मौत के बाद हिंसा और भड़क गई थी।