क्या उइगर मुसलमानों पर जुल्म के खिलाफ़ उठाने वाले मुस्लिम देशों को धमका रहा है चीन?

दुनिया के कई देशों के राजदूतों तथा मानवाधिकार संगठनों के अधिकारियों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन के दूतावास की ओर से उइगर मुसलमानों तथा सिनकियांग के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार परिषद की बैठक के दौरान अमरीकी कार्यक्रम में भाग न लेने के लिए दबाव डालने और धमकियां देने की कोशिश की गई।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ह्यूमन राइट्स वाच ने जेनेवा में तैनात चीनी दूतावास पर आरोप लगाया है कि उसकी ओर से कई देशों के दूतावासों को ख़त लिखे गए हैं और उन पर बल दिया गया है कि अमरीका की निगरानी में उइगर मुसलमानों तथा सिनकियांग के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बारे में होने वाले कार्यक्रम में भाग न लें।

दूतावासों को चीनी राजदूत यूजियानहुआ के दस्तख़त के साथ ख़त लिखे गए जिसमें कई देशों के राजदूतों से कहा गया था कि द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग के लिए इस कार्यक्रम में भाग न लें न ही इसको स्पांसर करें और न ही वहां जाएं।

ह्यूमन राइट्स वाच ने इन धमकियों की आलोचना की और जेनेवा में मानवाधिकार के निदेशक जान फ़िशर को सूचित किया कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले बर्ताव से चीन को दबाव का सामना है और अब चीनी अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय कार्यवाही को रोकने के लिए कई प्रकार का दबाव डाल रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद में मौजूद चीनी दूतावास से इस बारे में संपर्क किया गया तो वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली लेकिन दूसरे को कूटनयिकों ने पुष्टि की कि उनके दूतावासों को कार्यक्रम से पहले ख़त भेजे गए थे।