पटना : रियासत के सरकारी और प्राइवेट शोबे में सर्विस देने वाले डॉंक्टर जल्द ही गरीब अहले खाना की लड़कियों को गोद लेंगे। यह फैसला छह और सात फरवरी को नई दिल्ली में आईएमए की बैठक में लिया गया। फैसले के नज़र में रियासती आईएमए ने वोर्किंग मंसूबा भी तैयार किया है।
आईएमए के रियासती सदर डॉं. सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि समुलियत सर्विस के तहत काबिल डॉक्टरों को गोद लेने को कहा गया है। पैदाईश से 21 साल की लड़कियों को गोद लेने के बाद उनकी तालीम, सेहत और शादी का खर्च डॉंक्टर की तरफ से उठाया जाएगा। लड़की अपने वालिदैन के साथ ही रहेगी लेकिन डॉंक्टर की तरफ से खर्च किया जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि गोद लेने के बाद डॉंक्टर खर्च से हाथ खींच लें। आईएमए ने तमाम जिला सदरों को इत्तिला भेज दी है। इसके अलावा आईएमए तमाम डोक्टरों व मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मरने के बाद जिश्म और जिश्म के कई हिस्से डोनेट करने के लिए भी गुजारिश करेगा।