गहरे रंग की चॉकलेट के इस्तिमाल से शरयानें लचकदार होती हैं

ऐसे लोगों के लिए ये एक अच्छी ख़बर है जो चॉकलेट खाने के बेहद शौक़ीन हैं। नई तहक़ीक़ के मुताबिक़ गहरे रंग की चॉकलेट के इस्तिमाल से क़ल्ब पर हमला के अंदेशे बाक़ी नहीं रहते क्योंकि चॉकलेट में इस्तिमाल किए जाने वाले चिकने माद्दे से शरयानों में ज़ाइद लचक पैदा होती है और साथ ही साथ ख़ून के सफ़ैद जर्रात शरयानों की दीवार पर नहीं चिपकते।

चॉकलेट खाने वाले ज़्यादा तर बच्चे होते हैं जबकि बालिग़ों में भी चॉकलेट खाने का रुजहान पाया जाता है। गहरे रंग की चॉकलेट बच्चे अगर बचपन से ही इस्तिमाल करें तो उनकी शरयानों की दीवारों पर ख़ून के सफ़ैद जर्रात शुरु से ही नहीं चिपकेंगे जिसका फ़ायदा ये होगा कि जैसे जैसे इन बच्चों की उम्र बढ़ेगी उनको शरयानों का कोई मसला दरपेश नहीं आएगा।

टाप इंस्टीटियूट आफ़ फ़ूड ऐंड न्यूट्रीशन के मुहक़्क़िक़ डिडिरयक अलीर ने कहा कि चॉकलेट के इस्तिमाल से यूं तो हमेशा डॉक्टर्स दाँतों के मसाइल के बारे में इंतिबाह देते रहे हैं लेकिन अगर चॉकलेट भी एतिदाल के साथ इस्तिमाल की जाये तो दाँतों और मसूड़ों के मसाइल भी पैदा नहीं होते।

साइंसदानों का ये भी कहना है कि चॉकलेट में इस्तिमाल किया जाने वाला कूकू ज़ाइक़ादार होने के साथ क़ुव्वतबख्श भी होता है लेकिन चॉकलेट सिर्फ़ कूकू से ही नहीं बल्कि दीगर अशिया के मुरक्कब से तैयार होती है जैसे दूध, शक्क्र, चिकनाई वग़ैरह‌ और यही चिकनाई शरयानों को लचकदार बनाती है जिस से ख़ून के सफ़ैद जर्रात शरयानों की दीवारों पर नहीं चिपक सकते। इस तहक़ीक़ के मुताला के बाद कहीं आप का इरादा भी गहरे रंग की चॉकलेट ज़ाइद मिक़दार में इस्तिमाल करने का तो नहीं?।