जब देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक़ बिल का विरोध कर रही हैं तो सरकार हठधर्मी पर क्यों अड़ी हैं?

राज्यसभा में पेश होने वाले तीन तलाक बिल को लेकर मुस्लिम महिलाओं ने हकूक-ए-तहफ्फुज ख्वातीन मंच के बैनर तले पैदल मार्च निकालकर इसका पुरजोर विरोध किया। महिलाओं ने साफ कहा कि ट्रिपल तलाक बिल को मुस्लिम महिलाएं किसी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगी।

बता दें कि गुरुवार को ईदगाह रोड स्थित पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज में एकत्र हुई मुस्लिम महिलाओं ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा के बाद राज्यसभा में पेश किए जाने वाले ट्रिपल तलाक बिल को लेकर सख्त नाराजगी का इजहार किया।

महिलाओं ने इसके विरोध में पैदल मार्च निकाला और साफ कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्यसभा में बिल को पास भी करा लेती है तो भी मुस्लिम महिलाएं इस बिल को किसी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगी।

वहीं हकूक-ए-तहफ्फुज ख्वातीन मंच की अध्यक्ष सबा हसीब सिद्दीकी ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं जबरन तीन तलाक बिल को थोपना चाह रही है।

जब देश की करोड़ों महिलाएं इस बिल का लगातार विरोध कर रही हैं तो फिर सरकार हठधर्मी पर क्यों अड़ी हुई हैं। सरकार शरीयत और मुस्लिम महिलाओं के नाम पर राजनीति कर रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सबा ने कहा कि इस्लाम धर्म को मानने वाले शरीयत के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजारते हैं और भारतीय संविधान ने उन्हें इसकी पूरी आजादी दी हुई है। लेकिन सरकार लगातार शरीयत में हस्तक्षेप कर मुस्लिम विरोधी होने का सबूत दे रही है।

रुबीना शहजाद ने कहा कि शरीयती मामलों को लेकर मुस्लिम महिलाएं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलमा के साथ मजबूती के साथ खड़ी हुई हैं और वह उसी के फैसले को मानेंगी।

क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि बोर्ड और उलमा से बेहतर उनकी रहनुमाई कोई नहीं कर सकता। इसलिए सरकार अगर राज्यसभा में तीन तलाक बिल को पास भी करा लेगी तो भी मुस्लिम महिलाएं इस बिल को नहीं मानेंगी। इस मौके पर शबीना जकी, शबीना सफ्फान, सबा समेत दर्जनों महिलाएं मौजूद रहीं।

साभार- ‘अमर उजाला’