जेडीयू ने नीतीश कुमार को बताया PM मटेरियल, BJP बोली- कोई गुंजाइश ही नहीं

आशुतोष चंद्रा, पटना : जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासत भी तेज होती जा रही है. सत्तरूढ़ एनडीए के अंदर एकबार फिर प्रधानमंत्री पद को लेकर बहस छिड़ गई है. बंगाल, महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में भी पीएम पद के लिए चेहरा पर राजनीति तेज हो गई है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बताया है. वहीं, बीजेपी ने साफ कर दिया है कि बिहार में पीएम लायक कोई चेहरा ही नहीं है.

दरअसल, बीजेपी के पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने यह कहकर अपनी ही पार्टी में असहज स्थिति पैदा कर दी कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के देश की पहली बंगाली प्रधानमंत्री बनने की अच्छी संभावनाएं हैं. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने मराठियों में भी पीएम उम्मीदवार होने की बात कही थी. अब इसके बाद जेडीयू की तरफ से आए बयान ने पीएम पद के लिए चेहरा को लेकर नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है.

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि नीतीश कुमार भी पीएम पद के लिए चेहरा हो सकते हैं. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार का संसदीय जीवन पूरे देश में मिशाल है. बिहार में विकास को नया आयाम देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. हलांकि उन्होंने नरेन्द्र मोदी को एनडीए का सर्वमान्य पीएम उम्मीदवार माना है. लेकिन साथ ही कहा कि अगर पूरे देश में पीएम पद के लिए चेहरा को लेकर चर्चा होगी तो नीतीश कुमार भी उनमें शामिल हैं.

वहीं, कांग्रेस ने जेडीयू की दावेदारी पर चुटकी ली है. कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है कि एक वक्त था जब महागठबंधन मे रहते हुए नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट माना जा रहा था, लेकिन नीतीश कुमार ने रॉंग नंबर डायल कर लिया. बिहार से महागठबंधन का अगर कोई पीएम कैंडिडेट हो सकता है तो सिर्फ राहुल गांधी. बीजेपी नेताओं की ओर से पीएम पद के लिए चेहरा को लेकर दिए जा रहे बयान ये बताते हैं कि नरेन्द्र मोदी अब दोबारा पीएम नहीं बनने वाले हैं.

बीजेपी ने भी जेडीयू के दावों को खारिज कर दिया है. पार्टी के सांसद सीपी ठाकुर ने कहा है कि बिहार में कोई भी चेहरा पीएम फेस नहीं है. बीजेपी सांसद ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी ही बिहार में भी पीएम पद के लिए चेहरा हैं. उन्होंने खुद नरेन्द्र मोदी का नाम पीएम कैंडिडेट के रुप में आगे किया था. बिहार की जनता ने ही नरेन्द्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाया है. इसलिए बिहार में इस पद पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है.