नये सत्र से सरकारी स्कूलों में शुरू होगा आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जुलाई, 2019 से  आन्ट्रप्रनर्शिप  कैरिकुलम शुरू करने का लक्ष्य है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि अप्रैल,2010 से  आन्ट्रप्रनर्शिप   कैरिकुलम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया जाए।

उपमुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान इससे संबंधित बेसिक ट्रेनिंग आयोजित की जाए और इसके बाद जुलाई 2019 के पहले सप्ताह से सभी स्कूलों में इसेलागू कर दिया जाए।

आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम के संबंध में मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हमारे देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है।

हम देखते हैं कि जब कोई नौकरी निकलती है, चाहे वो ग्रेड 4 की ही क्यों न हो, तो उसमें एमबीए, इंजीनियरिंग, पीएचडी तक के स्टूडेंट्स एप्लाई करते हैं।

सिसोदिया ने कहा कि हमारे सभी स्कूलों, कॉलेजों में हमारी अगली पीढ़ी को ऐसी शिक्षा दी जा रही है जिसका मकसद ये है कि उन्हें नौकरी मिल जाए। मैंने व्यक्तिगत तौर पर अनेक स्कूलों-कॉलेजों में जाकर पूछा कि कितने बच्चे नौकरी करना चाहते हैं और कितने आन्ट्रप्रनर  बनना चाहते हैं? मैंने देखा है कि99 फीसदी मामलों में बच्चे नौकरी पाने के लिए पढ़ाई करते हैं।

उप-मुख्यमंत्री कहते हैं कि सवाल ये है कि आज नौकरी देने वाले कहां हैं? कुछ स्कूलों-कालेजों में आन्ट्रप्रनर्शिप  के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं लेकिन उनका मकसद कुछ स्किल देना है।

उनका मकसद बच्चों में  आन्ट्रप्रनर   वाला माइंडसेट विकसित करना नहीं है।

इसीलिए तमाम कार्यक्रमों के बावजूद आन्ट्रप्रनर्शिप    माइंडसेट वाले लोग समाज में नहीं रहे हैं जो लोगों को  नौकरियां देने वाले बन सकें।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर हमारे देश में हर किसी को ये सिखाया जाएगा कि उसे नौकरी पाना है, तो जाहिर सी बात है कि अमेरिका और यूरोपीय देश लगातार नौकरी देने वाले देश के रूप में काबिज रहेंगे।

हमारे देश की बेहतरीन प्रतिभाएं उनकी कंपनियों में काम कर रही हैं।

अगर हम अपनेदेश में बड़े पैमाने पर  आन्ट्रप्रनर    तैयार कर पाएं तो न केवल बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा बल्कि आर्थिक विकास बहुत तेजी से होगा।

इसीलिए हम अगले शैक्षिक सत्र से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए आन्ट्रप्रनर्शिप    कैरिकुलम शुरू करने जा रहे हैं।

शिक्षा मंत्री के निर्देशों के अनुसार,एससीईआरटी के डायरेक्टर को एक वर्किंग ग्रुप का गठन करना है जिसमें एससीईआरटी/ डीआईईटी के फैकल्टीज, शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल्स या टीचर्सऔर बाहर से विशेषज्ञों को शामिल करना है।

ये ग्रुप अन्य विशेषज्ञों की सेवाएं ले सकेगा और एससीईआरटी के नियमों के हिसाब से उन्हें भुगतान करसकेगा।

इसके अलावा एससीईआरटी जनवरी,2019 में एससीईआरटी एक कांफ्रेंस आयोजित कराएगा जिसमें इस क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों और समूहों को आमंत्रित करेगा।