पश्चिम बंगाल में हिंसा की राजनीति क्यों कर रही है बीजेपी?

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में रोड शो किया। इस विशाल रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। हालांकि शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई।

इस घटना के बाद भाजपा ने मंगलवार को चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सूबे में चुनाव प्रचार से रोकने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि वहां ‘संवैधानिक तंत्र’ ध्वस्त हो गया है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा और आगजनी की घटना के बाद केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी सहित पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा और राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की।

नकवी ने ममता बनर्जी पर कथित तौर पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए हिंसा में ‘‘सहभागी’’ होने का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए ‘‘उकसाया’’।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल के चुनाव आयोग से मिलने के बाद नकवी ने संवाददताओं से कहा, ‘‘वह एक संवैधानिक पद पर हैं लेकिन असंवैधानिक टिप्पणियां कर रही हैं। अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बदला लेने और हिंसा में शामिल होने के लिए कह रही हैं।

वह सहभागी हैं। उन्हें प्रचार से तत्काल रोका जाना चाहिए।’’ उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के ‘‘गुंडों’’ ने राज्य प्रशासन को बंधक बना लिया है और शाह के रोड शो के दौरान हिंसा इसका एक उदाहरण है।