पुलिस हिरासत में हुई थी मौत, कोर्ट ने यूपी के 5 पुलिस वालों को सुनाई सजा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से जुड़े इलाके खुर्जा में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पांच कर्मियों को दोषी करार दिया है.कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के 5 पुलिसकर्मियों को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके आलावा कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोषी ठहराए गए सभी पुलिसकर्मियों पर पच्चीस पच्चीस हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने अवैध हिरासत और गैर इरादतन हत्या की अलग अलग धाराओं में सब इंस्पेक्टर हिदवीर सिंह, महेश मिश्रा और सिपाही प्रदीप, पुष्पेंद्र और हरिपाल को सजा सुनाई है. इनमें से तीन दोषी ठहराये गए पुलिसकर्मी उस वक्त नोएडा पुलिस की एसओजी यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में कार्यरत थे. मामले में बिचौलिये कुंवर पाल सिंह को भी दोषी करार दिया गया है. सब इंस्पेक्टर विनोद पांडेय भी आरोपी थे, लेकिन सबूतों के अभाव में विनोद पांडे को कड़कड़डूमा कोर्ट ने बरी कर दिया है.

अपना आदेश सुनाते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट  ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया है कि वे तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक चतुर्वेदी और सिपाही मनोज कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई करें, क्योंकि युवक सोनू के साथ हुई वारदात के समय वे थाने में तैनात थे. यूपी में घटना होने के बावजूद  इस मामले की सुनवाई  दिल्ली ट्रांसफर कर दी गई थी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की अदालत में मामले का ट्रायल चला.

उत्तर प्रदेश के खुर्जा के गांव हजरतपुर में यह घटना साल 2006 में हुई थी. मृतक सोनू के पिता दलबीर सिंह ने शिकायत दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रॉपर्टी डीलर कुंवर पाल दो सितंबर 2006 को उनके घर आया. और उन्हें जान से मारने की धमकी दी. सोनू के पिता ने आरोप लगाया था की प्रॉपर्टी डीलर कुमारपाल अपने साथ  पांच और लोग भी साथ लाया था. लेकिन पुलिस ने दलवीर सिंह की शिकायत पर कुछ करने के बजाय दोनों को ही थाने में बुलाकर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई.