फारुक अब्दुल्लाह ने साध्वी प्रज्ञा को लेकर दिया यह बयान, बोले…?

नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला अक्सर विवादित बयान देने में जाने जाते हैं। वीरवार को भी उन्होंने काजीगुंड की एक जनसभा कहा कि साध्वी प्रज्ञा एक कातिल है, और भाजपा उसी को टिकट देकर लोकसभा में भेजना चाहती है। पूरा भारत के निवासियों को चाहिए कि वह ऐसे प्रत्याशियों को न चुनें।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए डॉ. फारूक ने कहा कि अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं अमेरिका का गुलाम नहीं होता। मोदी डोनाल्ड ट्रंप के आग झुक गए हैं। मोदी ने ट्रंप से कहा कि आप ईराक से तेल न खरीदें, तो उन्होंने हां कर दी।

अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो ट्रंप की एक भी बात नहीं सुनता। ईवीएम में गड़बड़ी पर फारूक ने कहा कि आप किसी को वोट देते हो और वह भाजपा को जाता है, ऐसे सुबूत बहुत से मतदान केंद्रों पर मिले हैं। जम्मू कश्मीर के लोग दिल्ली की कुर्सी नहीं चाहते हैं। मोदी जी आप हमारे हक वापस लौटा दें।

आर्मी जनरल के बुधवार को को दिए बयान पर फारूक ने कहा कि आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है। यह उनकी गलतफहमी है। यह चिंगारी घटी में आज भी जल रही है।

जम्मू कश्मीर के लोगों की नाराजगी इन पांच साल में ज्यादा बढ़ी है। क्योंकि अनुच्छेद 370 और 35 ए को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया है। अगर इसे तोड़ा गया तो जम्मू कश्मीर के लोग इसका डटकर विरोध करेंगे।

यहां के लोगों ने मुगलों, अफगानियों और डोगरों को खदेड़ दिया है। बंदूक से रास्ता ठीक नहीं होगा, बल्कि संदूक में वोट डालकर मसले का समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक कश्मीर का हमदर्द है, जिसने दिल्ली की गुलामी कबूल नहीं की। तभी वह आज दिल्ली की जेल में कैद है। लोगों से उन्होंने कहा कि वह मतदान के दिन बाहर आकर नेकां के प्रत्याशी को कामयाब बनाकर संसद भेजें।

पीडीपी पर हमला बोलते हुए फारूक ने कहा कि अब महबूबा का झूट यहां के लोगों को पसंद नहीं आता है। वह विफल हो चुकी हैं। हमने पीडीपी को 2014 में भाजपा के साथ सरकार बनाने से पहले समर्थन देने की बात की थी, जिसमें कांग्रेस भी साथ थी।

महबूबा और मुफ्ती सईद ने हमारी बात नहीं सुनी और आज यह दिन आ गया जब घाटी में हालात खराब हैं। लोगों को मतदान के दिन घरों से बाहर निकलने के लिए फारूक ने कहा कि आप बायकाट पर ज्यादा ध्यान न दें, बल्कि मतदान केंद्र की तरफ ध्यान दें।