फिल्मों में अपनी भावनाएं, अनुभव डालने की कोशिश करता हूं: अली अब्बास जफर

नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक अली अब्बास जफर अपनी फिल्मों में दर्शकों से अपना तार जोड़ने में कम ही चूकते हैं और इसकी वजह यह है कि उन्होंने हमेशा से अपनी फिल्मों में मानवीय पहलू को पेश किया है।

उनकी फिल्म ‘सुलतान’, ‘गुंडे’ व ‘टाइगर जिंदा है’ में इसकी झलक मिलती है। फिल्म निर्देशक अली अब्बास जफर का कहना है कि ऐसा इसलिए हैं क्योंकि वह अपनी हर फिल्म में अपने वास्तविक जीवन के अनुभव व भावनाओं को लाने की कोशिश करते हैं।

जफर ने आईएएनएस से कहा, “मैं फिल्मों के अध्ययन के लिए कभी फिल्म स्कूल में नहीं गया। मेरी ज्यादातर शिक्षा मेरे वास्तविक जीवन के अनुभव से मिली है। इसलिए मैं अपने वास्तविक जीवन की भावनाओं व अनुभवों को फिल्मों में लाने की कोशिश करता हूं।”

अली अब्बास जफर (36) वर्तमान में अपनी आगामी सलमान खान अभिनीत फिल्म की माल्टा में शूटिंग कर रहे हैं। जफर का कहना है कि वह अपनी फिल्मों में सोच-समझकर भावनाओं को जगह देते हैं।

जफर ने कहा, “जाहिर तौर पर मानव के रूप में हम भावनाओं से जुड़े लोग हैं। इसलिए यह सचेत प्रयास रहता है कि फिल्म दर्शकों और फिल्मकार की भावनाओं से जुड़ सके। इस कार्य को मैंने अपनी पहली फिल्म से किया है।”