बस मौसम का इन्तिज़ार है . सोनम कपूर

अक्सर देखा गया है कि स्टार बेटों और बेटीयों को उन के वालदैन ही लॉन्च करते हैं लेकिन सोनम कपूर के साथ ऐसा नहीं हुआ उन के वालिद अनील कपूर ऐक्टर प्रोडयूसर होने के बावजूद भी उन्हें फिल्मों में मुतआरिफ़ नहीं किया बल्कि बाली वुड के एक टाप डायरैक्टर संजय लीला भंसाली ने उन्हें अपनी फ़िल्म सांवरिया में मौक़ा दिया जिन के साथ सोनम ने को डायरैक्टर की हैसियत से फ़िल्म ब्लैक में काम किया था सांवरिया की रीलीज़ से पहले वो हॉट केक बनी हुई थीं लेकिन इस फ़िल्म की रीलीज़ और इस की बुरी तरह नाकामी के बाद वो फ़िल्मसाज़ों के ज़हनों से भी हिट गईं और उन्हें बड़ी मुश्किल से फिल्में मिलने लगीं लेकिन उन के क़िस्मत में कामयाबी नहीं आई सिर्फ दिल्ली 6 में इन की अदाकारी को सिरहा या गया अब वो पंकज कपूर की हिदायत में बनी फ़िल्म मौसम में शाहिद कपूर के साथ आई हैं जिन की ख़ूब तारीफ़ें होरही हैं अगर ये फ़िल्म पसंद या फिर हट होजाती है तो इस का क्रेडिट किसे जाता है ये तो वक़्त ही बतायगा लेकिन सोनम के मुस्तक़बिल के मंसूबे किया है ये उन से बातचीत के बाद ही मालूम होंगे ।
स : मौसम काफ़ी गर्म है इस बारे में आप क्या कहेंगी ?
ज : हाँ हर तरफ़ मौसम के बारे में सुना जा रहा है और वाक़ई पंकज जी ने इस फ़िल्म केलिए हट कर मौज़ू का इंतिख़ाब किया है और मुझे तवक़्क़ो है कि ये फ़िल्म अवाम को पसंद आऐगी फ़िल्म में मेरा किरदार भी बेहतरीन है मुझे अब तक के किरदारों में इस फ़िल्म में खुल कर काम करने का मौक़ा मिला शाहिद का रोल शायक़ीन को बहुत मुतास्सिर करईगा ।
स : आज के दौर की दूसरी हीरोइनों की तरह आप बहुत ज़्यादा सेक्सी और ग्लैमरस दिखाई नहीं देतीं ?
ज : मेरे पास ख़ूबसूरती के साथ टेलैंट है अगर किसी के पास कोई एक चीज़ की भी कमी होजाए तो वो सैक्स और ग्लैमरस का सहारा लेतीं हैं मुझे उस की ज़रूरत नहीं है ज़रूरत हो तो मैं दूसरों से बहुत आगे दिखाई दे सकती हूँ । लेकिन मैं गै़रज़रूरी ऐसा करना नहीं चाहती ।
स : आप को बड़ी तादाद में फिल्में ना मिलने की वजह इस में आप के डैडी की दख़ल अंदाज़ी बताई जाती है इस बारे में आप क्या कहेंगी ?
ज : नहीं ये सच्च नहीं है मेरे डैडी ने कभी भी मेरे कैरीयर में मुदाख़िलत करने की कोशिश नहीं की उन्हों ने तो बस मुझे एक ही मश्वरा दिया है कि मैं जो कुछ भी करूं काफ़ी सोच समझ कर करूं यही वजह है कि जब मुझे कोई सीट अप पसंद नहीं आता इस के लिए मैं बलाझझक इनकार करदेती हूँ फिर तो मैं ये भी नहीं देखती के इस सीट अप से जुड़े लोग पापा के गहरे दोस्त हैं ।
स : दीपीका , रणबीर और आप तक़रीबन एक साथ आए मगर वो जितनी ख़बरों में रहते हैं आप नहीं ?
ज : मेरे ख़्याल से सब का अपना अपना तरीक़ा होता है में एक वक़्त में एक ही फ़िल्म करना चाहती हूँ सुर्ख़ीयों में रहने केलिए मैं तनाज़ा नहीं मैं पड़ती में ये मानती हूँ कि पब्लिसिटी काम की होनी चाहीए काम जो आप कररहे हूँ किसी भी जगह और किसी भी मक़सद से कररहे हूँ ।
स : फ़िल्मी दुनिया के माहौल से अच्छी ख़ासी वक़फ़ीत के बावजूद आप के वालदैन ने आप को फ़िल्मी दुनिया में कैसे जाने दिया ?
ज : यहां हम डिसिप्लिन में काम करते हैं ग़ीरग़लत हरकतों केलिए किसी को भी सौ बार सोनचना पड़ता है पहले मुझे अपनी तालीम पूरी करनी थी मेरे ख़ानदान में सब को पता था कि मैं फ़िल्म इंडस्ट्री में जाने की ख़ाहिशमंद हूँ मम्मी और पापा दोनों ने यही कहा कि तुम चाहती हो तो जा सकती हो।
स : कहीं पैसा और शौहरत मिलने का लालच तो तुम्हें इस पेशा से जुड़ने केलिए मजबूर नहीं किया ?
ज : लेकिन इस के आगे पीछे भी कुछ होता है मैंने अपने पापा को बहुत उतार चढ़ाव से गुज़रते देखा है मेरे भाई बहन छोटे थे लेकिन मैं बड़ी थी जब रूप की रानी चोरों का राजा के और दूसरे वाक़ियात यानी उतार चढ़ाव देखे इस इंडस्ट्री में जो भी होता है इस से अपने वालदैन को गुज़रते देखा है ।
स : आप बाली वुड की किस ऐक्ट्रीयस से मुतास्सिर रही हैं ?
ज : में रानी मुकर्जी को पसंद करती हूँ उन्हों ने अपने कैरीयर को जिस तरह से सँभाला है वो मुझे मुतास्सिर करता है रानी ने तरह तरह के रोल किए हैं वो मामूली लगते लगते ख़ूबसूरत लगने लगती हैं वो जो चाहती हैं वो करसकती हैं आजकल लोग उन पर कम तवज्जा दे रहे हैं लेकिन इतना ही वक़फ़ा क्यों ना होजाए में कह सकती हूँ कि वो एक ही हट के बाद वो फिर से चोटी पर पहुंच जाएंगी ।
स : क्या ये सच्च नहीं कि रणबीर कपूर केलिए कभी आप के दिल की धड़कनें तेज़ होजाया करती थीं ?
ज : रणबीर सिर्फ मेरी पहली फ़िल्म के हीरो थे इस के इलावा हमारे दरमयान कभी किसी तरह का कोई चक्क्र नहीं रहा अगर उन की नज़दीकी आज कैटरीना के साथ है तो इस का मुझे दुख क्यों हो । मैंने तो रणबीर को कभी इस शक्ल में देखा ही नहीं वो सिर्फ़ मेरे अच्छे दोस्त रहे हैं ।
स : क्या कभी आप के पापा अनील कुछ ख़ास तरह के लिबास पहने से रोकते हैं ?
ज : नहीं में अपने सभी फ़ैसले ख़ुद लेती हूँ वो मुझ से इस बारे में कुछ नहीं कहते वो मुझे अपनी मन मर्ज़ी से काम करने को कहते हैं जब तक मुझे लगे कि मैं सही हूँ उन्हों ने मेरी परवरिश अच्छे ढंग से की है और उन्हें पता है कि में कोई ग़लत काम नहीं करूंगी ।