बीजेपी कार्यकर्ता के हत्‍यारों को पाताल से भी तलाशकर दिलवाऊंगी मौत की सजा: स्मृति ईरानी

लोकसभा चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद ही स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बेहद करीबी सहयोगी सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुरेंद्र सिंह की हत्या से स्मृति ईरानी को गहरा सदमा लगा है. ईरानी ने पहले सुरेंद्र सिंह के परिवारवालों से मुलाकत की उसके बाद उनके शव को न केवल कंधा दिया बल्कि पार्थिव शरीर को नमन कर फूट-फूटकर भी रोईं.

इस दौरान स्मृति ईरानी ने कहा, “कातिल चाहे पाताल में भी छिपे हों वो बच नहीं पाएंगे. मैंने सुरेंद्र सिंहजी के परिवार के सामने शपथ ली है कि जिसने गोली चलाई और जिसने चलाने का आदेश दिया, उनको मौत की सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़े तो जाऊंगी.

अज्ञात बदमाशों ने मारी गोली
अज्ञात बदमाशों ने सुरेंद्र सिंह को उनके घर पर गोली मारी. इसके बाद ट्रामा सेंटर ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. सुरेंद्र ने स्मृति ईरानी की जीत के बाद अपने घर पर एक दावत रखी थी. बताया जा रहा है कि दावत के बाद बदमाशों ने उन्हें गोली मारी. अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक दया राम ने जानकारी दी है कि बाइक सवार बदामशों ने घर के बाहर सो रहे सुरेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी.

डीजीपी ओपी सिंह का बयान
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, “हमें घटना के अहम सुराग मिले हैं. 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हमें विश्वास है कि अगले 12 घंटे में केस की गुत्थी सुलझा ली जाएगी. पीएसी की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं. कानून व्यवस्था का कोई मुद्दा नहीं है.”

सुरेंद्र सिंह के बेटे ने दिया बयान
सुरेंद्र सिंह की हत्या पर उनके बेटे ने मीडिया से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि ‘मेरे पिता स्मृति ईरानी के बेहद करीबी थे और उनके लिए दिन-रात प्रचार किया करते थे. स्मृति के सांसद बनने के बाद अमेठी में विजय यात्रा निकाली गई थी. मुझे लगता है कि कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं को यह पसंद नहीं आया. हमें हत्या को लेकर कुछ लोगों पर संदेह है.’

जूता वितरण कांड में सिंह आए थे चर्चा में
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव  के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे. उन्हें स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का करीबी माना जाता था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने स्मृति ईरानी (Smriti Irani) पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था.

बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लिया था गोद
बता दें कि अमेठी के बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ( Manohar Parrikar) ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने लोकसभा चुनाव में गांव-गांव जाकर स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का प्रचार किया था. सुरेंद्र सिंह को अक्सर जनसभा के दौरान भी देखा जाता था. कई मौकों पर स्मृति ईरानी ने उनके काम की तारीफ भी की थी.