भाजपा ज्वाइन कर चुके गौतम गंभीर ने उमर अब्दुल्ला को दी पाक जाने की सलाह, ट्वीटर पर घमासान

हाल में भाजपा में शामिल हुए पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने सियासी तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ही तरह गंभीर ने भी मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को परोक्ष रूप से नसीहत दी कि उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए. गंभीर ने उमर के उस बयान पर यह टिप्पणी की जिसमें एनसी नेता ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता बहाल करने की कोशिश करेगी और वहां एक बार फिर ‘वजीर-ए-आजम’ (प्रधानमंत्री) हो सकता है.

गिरिराज सिंह को तो अलग-अलग सियासी दलों ने अपनी भाषाओं में जवाब दे दिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने गौतम गंभीर के ट्वीट पर उनको खेल यानी क्रिकेट की ही भाषा में जवाब दिया. अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में गंभीर को सलाह दी कि उन्हें कश्मीर के इतिहास की जानकारी नहीं है, इसलिए क्रिकेट या आईपीएल पर जानकारी देना चाहिए.

दरअसल, गौतम गंभीर ने ट्वीट किया था, ‘‘उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं और मैं महासागर पर चलना चाहता हूं. उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं और मैं चाहता हूं कि सूअर उड़ने लगें.’’ उन्होंने कहा कि उमर को ‘‘थोड़ी नींद और एक कड़क कॉफी’’ की जरूरत है और यदि वह फिर भी नहीं समझ पाए तो उन्हें ‘‘हरे पाकिस्तानी पासपोर्ट’’ की जरूरत है. इसी बात पर उमर ने नवोदित भाजपा नेता पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया.

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘गौतम, मैंने कभी ज्यादा क्रिकेट नहीं खेली क्योंकि मुझे पता था कि मैं इस मामले में बहुत अच्छा नहीं हूं. आप जम्मू-कश्मीर, इसके इतिहास या इतिहास को आकार देने में नेशनल कॉन्फ्रेंस की भूमिका के बारे में ज्यादा जानते नहीं…, फिर भी आप अपनी अनभिज्ञता सबको दिखाने पर आमादा हैं.’’ उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गंभीर को सिर्फ उन्हीं चीजों पर फोकस करना चाहिए जिन्हें वे जानते हैं और वे ‘‘इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बारे में ट्वीट करें.’’

सोमवार को उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भारत संघ में जम्मू-कश्मीर का जुड़ना तब हो पाया था जब राज्य के लिए कई संवैधानिक उपाय किए गए और यदि उनसे कोई छेड़छाड़ हुई तो भारत से जम्मू-कश्मीर के जुड़ने की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठ जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में सद्र-ए-रियासत (राष्ट्रपति) और वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) के पदों को बहाल करने की कोशिशें करेगी.