मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा: तबाही का मंजर देखकर कांप जायेंगे रुह!

अशांति के लंबे दौर के बाद पुलिस ने आज देशभर से कर्फ्यू हटा लिया है। मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा के बाद सरकार ने सोमवार को पूरे श्रीलंका में लगा दिया था। श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दंगे फैलाने के आरोप में 60 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सांप्रदायिक दंगों को बुधवार को पूरे श्रीलंका द्वीप से कर्फ्यू उठा लिया गया। आपको बता दें कि सिंहली लोगों की भीड़ द्वारा घातक ईस्टर विस्फोटों के बाद मुस्लिम-स्वामित्व वाली दुकानों और व्यवसायों पर हमले करने के बाद सरकार ने सोमवार को कर्फ्यू लगा दिया था।

देश के मुसलमानों ने कहा हैं कि दंगाइयों ने उनकी संपत्तियों को नष्ट करने और कर्फ्यू के बाद भी उनमें आग लगाई। आरोप लगाया दंगों के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही। गौरतलब है कि मुस्लिमों पर हमले रमजान के पवित्र महीने के दौरान हो रहे हैं।

ईस्टर बम धमाकों के बाद श्रीलंका में सुरक्षा व्यवस्था बेहद खस्ताहाल बनी हुई है। सोमवार को देश के कई इलाकों में मुस्लिमों की दुकानों पर हमले किये गए। आपको बता दें कि मुस्लिम श्रीलंका की कुल आबादी का 10 प्रतिशत हैं।

देश के कुछ हिस्सों में ताजा हिंसा की खबरों के बाद मंगलवार को कर्फ्यू में केवल आंशिक ढील दी गई थी। पुलिस प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा, “उत्तर-पश्चिमी प्रांत और गम्पाहा पुलिस विभाग में लगाया गया कर्फ्यू बुधवार सुबह 6 बजे हटा दिया गया , जबकि द्वीप के अन्य क्षेत्रों में कर्फ्यू सुबह 4 बजे समाप्त हो गया था।”

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि हर प्रांत में स्थिति सामान्य हो रही है। मंगलवार रात भर हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। सरकार ने हिंसक झड़पों के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।

सरकार ने हालांकि मंगलवार को फेसबुक और वॉट्सऐप को पर रोक कुछ हद तक हटा ली लेकिन उसने ट्विटर पर नाकाबंदी बढ़ा दी। दूरसंचार नियामक ने कहा कि सोशल मीडिया पर पाबंदी अफवाहों और अभद्र टिप्पणियों के प्रसार को रोकने के लिए है।