सऊदी अरब ने दहश्तगर्दी का मूसिर मुक़ाबला किया: शाह अबदुल्लाह

मक्का मुअज़्ज़मा।25 जुलाई (एजैंसीज़) ख़ादिम उल-हरमीन शरीफ़ैन सऊदी अरब के शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ ने दुनिया भर के उलमाए इस्लाम पर ज़ोर दिया है कि वो नौजवानों को सही इस्लामी उसूलों की तालीम दें नीज़ इंतिहापसंदी-ओ-जुनूनीयत से गुरेज़ किया जाय। मुस्लिम आलमी लीग (ऐम डब्लयू ईल) के ज़ेर-ए-एहतिमाम यहां मुत्तहदा बैन-उल-अक़वामी कान्फ़्रैंस में ख़ादिम उल-हरमीन शरीफ़ैन का पयाम, मक्का मुअज़्ज़मा के गवर्नर प्रिंस ख़ालिद अल-फ़ैसल ने पढ़ा। शाह अबदुल्लाह ने अपने ख़ुतबा में कहा कि मुस्लिम ममालिक में तमाम सरकारी इदारों और अह्ले इल्म अस्हाब को चाहीए कि वो अवामी मसाइल का हल तलाश करें ताकि अवाम के हालात-ए-ज़िंदगी को बेहतर बनाया जा सके। मुस्लिम दुनिया को दरपेश चैलेंज-ओ-मसाइल के ज़ेर-ए-उनवान मुनाक़िदा तीन रोज़ा कान्फ़्रैंस से सऊदी अरब के शाह ने कहा कि आलिम इस्लाम में पैदा करदा मौजूदा हालात दरअसल मुस्लमानों के इत्तिहाद को दिरहम ब्रहम करने की एक साज़िश हैं। उन्हों ने कहा कि मियानारवी पर मबनी इस्लामी उसूलों के ज़रीया तमाम मसाइल हल किए जा सकते हैं और इस्लामी इत्तिहाद पैदा करने के लिए अमली इक़दामात किए जा सकते हैं। उन्हों ने कहा कि ग्लोबलाइज़ेशन के साथ रौनुमा-ए-होने वाली तबदीलीयों ने ममलकत सऊदी अरब केलिए ये ज़रूरत पैदा की है कि उम्मत इस्लामीया को दहश्तगर्दी की सिम्त राग़िब होने से रोका जाय।