सबरीमाला विवाद: एक महिने के लिए मंदिर के कपाट को किया गया बंद

केरल के प्रसिद्ध शबरीमाला मंदिर में तीर्थयात्रा का पहला चरण आज समाप्‍त हो गया। इसी के साथ मंदर के कपाट 1 महीने बंद हो गए हैं। पहले चरण के अंत के बाद भी भक्‍तों और पुजारियों के विरोध के आगे सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी बौना नज़र आया।

अभी तक महिलाएं मंदिर में नहीं कर सकीं हैं। इसके साथ ही पुलिस ने मीडिया को भी शनीधामन और पंबा मंदिर को छोड़ने के निर्देश दिए हैं। पुलिस को सूचना मिली है कि भीड़ मीडिया कर्मियों पर भी हमले कर सकती है।

इससे पहले रविवार को, बड़ी संख्‍या में मौजूद भगवान अयप्‍पा के हजारों समर्थकों ने 6 महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया। 10 से 50 वर्ष उम्र वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाने के आदेश को लागू करने का श्रद्धालु विरोध कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने अयप्पा के मंत्रों का उच्चारण करते हुए तेलुगु बोलने वाली छह महिलाओं को मंदिर में पहुंचने से पहले ही रोक दिया।

उच्चतम न्यायालय द्वारा सदियों पुराने प्रतिबंध को पिछले महीने हटाने के बाद मासिक पूजा के लिए मंदिर के दरवाजे पांच दिन पहले खोले गए थे। पहाड़ियों और पम्बा में लगातार बारिश के बावजूद काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। एक कार्यकर्ता सहित कुछ युवतियां ‘नैश्तिक ब्रह्मचारी’ (शाश्वत ब्रह्मचर्य) मंदिर में बुधवार से ही प्रवेश करने का प्रयास कर रही हैं लेकिन पुजारियों के समर्थन में श्रद्धालु उनका मार्ग रोक रहे हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि वे परम्परा को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। अभी तक मौजूद संकेतों के मुताबिक दस से 50 वर्ष उम्र वर्ग की एक भी महिला मंदिर में नहीं पहुंच पाई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मासिक पूजा के लिए मंदिर के कपाट खोले जाने के बाद से अभी तक दस से 50 वर्ष उम्र वर्ग में 12 महिलाओं को मंदिर में पूजा करने से रोका गया है।