रोहिंग्या मुसलमानों के लिए ‘आसरा’ बना बांग्लादेश, 2000 एकड़ ज़मीन देने का ऐलान

रोहिंग्या मुसलमानों के लिए दुनिया भर के मुस्लिम देशों से आर्थिक मदद मिलने के बाद बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने बड़ा फ़ैसला किया है । बांग्लादेश सरकार कॉक्स बाजार ज़िले में एक बड़ा हिस्सा म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों को देने का ऐलान किया है ।

बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्ज़मा ने कहा कि बांग्लादेश सरकार कॉक्स बाज़ार जिले के उखिया उपजिला में दो हजार एकड़ ज़मीन रोहिंग्या मुस्लिमों को बसाने के लिए देगी । उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार जल्द ही और ज़मीन भी रोहिंग्या मुस्लिमों को बसाने के लिए देने का एलान करेगी ।गृह मंत्री ने कहा कि हम ज़रूरत पड़ने पर और भी ज़मीन देंगे।

बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी बीएनपी ने कहा कि रोहिंग्या मसले पर बांग्लादेश सरकार भारत और चीन पर दबाब डाले । पीएम शेख हसीना को दोनों देशो का दौरा करके रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे पर बात करना चाहिए । अभी तक बांग्लादेश सरकार ने भारत और चीन से इस मसले पर कोई बातचीत नहीं की है ।

25 अगस्त से म्यांमार के अशांत राखिने प्रान्त के रोहिंग्या मुस्लिम बड़ी संख्या में पलायन करके बांग्लादेश में जा रहे है। यूएन के अनुसार अब तक ये संख्या तीन लाख हो चुकी है । यूएन ने 77 मिलियन डालर की रकम आपात फंड से रोहिंग्या समुदाय के मदद के लिए आवंटित की है । बांग्लादेश के राहत कैम्पों में रह रहे रोहिंग्या समुदाय के लिए तुर्की,मलेशिया,इंडोनेशिया,संयुक्त अरब अमीरात,कुवैत,इरान और पाक समेत कई देशो ने आर्थिक मदद दी है।

रोहिंग्या रिफ्यूजी को देश में प्रवेश करने की थाईलैंड और मलेशिया ने भी अनुमति दे दी है। म्यांमार सरकार ने भी राखिने प्रान्त में पीड़ित रोहिंग्या समुदाय के लिए राहत सामग्री पहुचाने की इजाज़त दे दी है जिससे राखिने में ज़रूरी सामग्री पहुचाने का रास्ता साफ़ हो गया है।
हालांकि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर भारत का रुख अलग है । केंद्र सरकार कह चुकी है कि भारत में रोहिंग्या मुसमलान अवैध शरणार्थी हैं और उन्हें हर हाल में उनके देश वापस भेजा जाएगा । सरकार के इस फ़ैसले का देशभर में विरोध भी हो रहा है ।