देवबंद उलेमाओं ने जारी किया फतवा, इस्लाम में लाइफ इंश्योरेंस हराम

देवबंद: देवबंद के उलेमाओं द्वारा जारी फतवा में लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी खरीदने को इस्लाम में हराम बताया गया है। यह फतवा गाजियाबाद के एक शख्स के सवाल पर जीवन बीमा को लेकर आया है। जिसमे तर्क दिया गया है कि जीना-मरना अल्लाह के हाथ में है, कोई इंश्योरेंस कंपनी व्यक्ति की लंबी जिंदगी की गारंटी नहीं दे सकती है। लिहाजा मुस्लिम इससे दूर रहें।

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खबर के मुताबिक, देवबंद के मौलानाओं ने कहा है कि बीमा कंपनियां पॉलिसी खरीदने वाले लोगों के प्रीमियम के पैसे को तमाम तरह से निवेश करती हैं, फिर ब्याज से अर्जित पैसा ही ग्राहकों को लौटाया जाता है। जबकि इस्लाम में ब्याज के जरिए अर्जित किसी भी आय को इस्लाम में हराम माना जाता है।

देवबंद के एक वरिष्ठ मौलाना नजीफ अहमद ने कहा कि यह फतवा इस्लामिक शरियत की रौशनी में जारी किया गया है और मुस्लिमों को बताया गया है कि वे सिर्फ अल्लाह में एतबार रखें, उन्हीं के हाथ में जिंदगी और मौत है। उनहोंने कहा कि किसी भी इंश्योरेंस कंपनी के चक्कर में न पड़ें।