लद्दाख को संभाग का दर्जा दिया तो आंदोलन- महबूबा मुफ्ती

पीडीपी प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि रियासत में लोकप्रिय सरकार के गठन तक राज्य के संवैधानिक दर्जे से किसी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए। राज्यपाल के हाल के कई फैसले राज्य के हितों के विपरीत हैं। इनके पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा काम करता नजर आता है। वह राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सम्मान करती हैं, लेकिन वह लोकतांत्रिक परंपराओं का अतिक्रमण क्यों कर रहे हैं?

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जेके बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) जैसा बर्ताव करने का फैसला, स्टेट सब्जेक्ट के नियमों की प्रक्रिया में बदलाव करने, रोशनी एक्ट को रद्द करने तथा किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव करने की खबरों के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा नजर आता है।

राज्यपाल क्यों लोकतांत्रिक मूल्यों का अतिक्रमण कर रहे हैं, जब इन मुद्दों को लेकर कोई आपात स्थिति नहीं उत्पन्न हुई है। चुनाव के बाद नई सरकार के गठन पर यह सब किया जा सकता है।

आशंका जताई कि शायद यह किसी का छिपा हुआ एजेंडा हो सकता है, लेकिन आशा है कि राज्यपाल इसका हिस्सा नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राज्यपाल की टीम उन्हें सही सलाह नहीं दे रही अन्यथा वह ऐसा कोई फैसला नहीं करते जिसे बाद में रद्द करना पड़े। इस तरह का फैसला एक लोकप्रिय सरकार के लिए छोड़ देना चाहिए।

पीडीपी प्रमुख ने चेताया कि यदि राज्यपाल प्रशासन पीरपंजाल और चिनाब घाटी को नजरअंदाज कर लद्दाख क्षेत्र को संभागीय दर्जा देता है तो आंदोलन किया जाएगा। इस तरह की रिपोर्ट है कि राज्यपाल प्रशासन लद्दाख को संभाग का दर्जा देने की तैयारी में है। वह इसके खिलाफ नहीं हैं।

उन्होंने नेकां, कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों से अनुरोध किया कि वे साथ आएं और मांग करें कि यदि लद्दाख को संभाग का दर्जा दिया जाता है तो पीरपंजाल व चिनाब घाटी को भी यह दर्जा मिले। उन्होंने राज्यपाल से भी यह आग्रह किया। महबूबा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अन्य पार्टियों से भी बात करेंगी। आशा है कि खुद भी नेता रह चुके राज्यपाल राज्य की संवेदनशीलता को समझेंगे।

साभार- ‘अमर उजाला’