सबरीमाला विवाद- रेहाना का केरल मुस्लिम जमात ने किया बायकॉट, न्यूड फोटो शूट से पहले भी चर्चा में थी

सबरीमाला/कोच्चि: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को केरल मुस्लिम जमात काउंसिल समाज ने बहिष्कृत कर दिया है।

मुस्लिम संगठन ने रेहाना पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की है। मुस्लिम काउंसिल ने एर्नाकुलम सेंट्रल मुस्लिम जमात से भी फातिमा और उनके परिवार को बाहर करने गुजारिश की है। यह जानकारी काउंसिल के अध्यक्ष ए पूकुंजू ने दी।

रेहाना फातिमा को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए एक्टिविज्म के कारण निशाना बनना पड़ रहा है। रेहाना के घर पर भी कुछ लोगों ने हमला किया और तोड़ फोड़ की है। रेहाना हाल फिलहाल सोशल मीडिया पर अपने शेयर किए फोटोज की वजह से भी चर्चा में हैं।

चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता मधु कीश्वर ने भी रेहाना की न्यूड फोटो ट्विटर पर शेयर कर उनकी आलोचना की है। कीश्वर ने आरोप लगाया कि रेहाना अपनी हरकतों से लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही हैं। जबकि वे सामाजिक कार्यों और दायित्वों को लेकर गंभीर नहीं हैं।

इससे पहले आंध्र प्रदेश की रहने वाली चार महिलाएं रविवार को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर की ओर जा रही थीं कि तभी गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें वापस लौटा दिया।

आज सुबह 10 बजे एक पुरुष श्रद्धालु के साथ दो महिलाओं को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित मंदिर के अपने सफर की शुरुआत करने के लिए मंदिर कस्बे के मुख्य मार्ग में प्रवेश करने के करीब थे कि तभी प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया।

संकट बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने दोनों महिलाओं के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लिया और वे उन्हें पांबा के पुलिस नियंत्रण कक्ष ले गए।

पुलिस महानिरीक्षक एस.श्रीजित ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों महिलाओं का कहना है कि जब उन्होंने सुना कि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी है, तो उन्होंने तीर्थयात्रा करने का फैसला किया।

श्रीजित ने कहा, “ये महिलाएं आंध्र प्रदेश के तीर्थयात्रा समूह का हिस्सा हैं और केरल के विभिन्न मंदिरों की यात्रा कर रही हैं। जब उन्हें विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया गया तो उन्होंने लौटने का फैसला किया और हमने उन्हें निलक्कल में खड़े वाहन तक पहुंचाया।”

दोनों महिलाओं को वापस भेजने के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने एक अन्य महिला को मंदिर की ओर जाते हुए पाया। उन्होंने उसे भी रोका और वापस जाने को कहा।

होहल्ला होते देख पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। महिला के आधार कार्ड में उसकी उम्र 47 वर्ष देखने के बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए।

हंगामे के बीच महिला ने बेचैनी महसूस की, जिसे क्लीनिक ले जाया गया। उसके बाद बिना दर्शन किए उसे वापस लौटना पड़ा।

पहाड़ी की चोटी पर पालकी से जा रही चौथी महिला को प्रदर्शनकारियों ने मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर पहचान लिया।

जैसे ही प्रदर्शनकारी महिला के पास पहुंचे, पुलिस ने महिला को बचा लिया और उसे वापस पांबा ले जाया गया।

इस बीच भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और केंद्र से अदालत के फैसले को रद्द कराने के लिए एक अध्यादेश लाने की सिफारिश करनी चाहिए।