VIDEO: जिक्र ऐसा जो दिन और रात से भी अफ़जल है!

अबू-अल-बामा से रिवायत है कि नबी-ऐ-करीम (SAW) ने फ़रमाया, क्या मैं तुम्हे दिन रात अल्लाह के मुसलसल ज़िक्र करने से अफ़ज़ल ज़िक्र न बताऊँ. यानी ऐसा ज़िक्र जो उससे भी बढ़कर हो कि जो शख्स दिन और रात ज़िक्र करता है ही चला जा रहा है.

यानी दो लोग हैं, एक वह जो दिन रात ज़िक्र कर रहा है और एक वह जो यह ज़िक्र कर रहा है और इसको पढ़ रहा है.

इस तस्बीह को पढ़ना उससे भी अफ़ज़ल है.

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