मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सारी योजनाओं को बंद किया, बजट में मुसलमानों का कोई जिक्र नहीं- कांग्रेस

नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नसीम खान ने इस बजट को ‘जुमला बजट’ बताया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने वे सारी योजनाएं खत्म कर दीं, जो मनमोहन सरकार में अल्पसंख्यकों के हितों के लिए शुरू की गई थीं।

सच्चर कमिटी की सिफारिश के बाद मनमोहन सिंह ने अल्पसंख्यकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की थीं। नसीम खान ने कहा कि अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली छात्रवृत्तियां बंद कर दी गईं। उन्होंने कहा कि सरकार इसे दूरगामी बजट बता रही है। वह 2022 को नजर में रखकर योजनाएं गिना रही है। यह लफ्फाजी है और कुछ नहीं।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मुजफ्फर हुसैन का कहना है कि इस सरकार ने शुरू से ही अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज किया है। अरुण जेटली ने अपने पूरे भाषण में कहीं भी ‘अल्पसंख्यक’ का जिक्र नहीं किया।

मुजफ्फर हुसैन ने कहा कि बजट की बातचीत में तीन तलाक और हज सब्सिडी की बात जरूर की है। सरकार यह बात हिंदू वोटों के तुष्टीकरण के लिए करती है। बजट भाषण में अल्पसंख्यकों की बात सरकार ने इसलिए नहीं की, क्योंकि उसे लगता है कि इससे हिंदू खुश हो जाएंगे।