यूरोप में मुसलमान रचे बसे लेकिन क़बूल नहीं !

यूरोप में बड़ी संख्यां में मुसलमान बसे हैं । धर्म अलग जरूर है, पर सामाजिक बेड़ियों के बावजूद गैरमुस्लिमों के साथ मुस्लिम समाज लगातार मिलती जुलती और समय बिताती है. इसके बावजूद पूरी दुनिया में मुस्लिमों को शक की निगाह से देखा जाता है, कभी आतंकवाद के नाम पर या फिर किसी अन्य मुद्दे पर। लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं।

बेर्सटेल्स मान फाउंडेशन की स्टडी से ली गई है जिसका शीर्षक है ‘यूरोप में मुसलमान – रचे बसे लेकिन स्वीकार्य नहीं?’. इसके नतीजे जर्मनी, यूरोप, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और यूके में 10,000 लोगों पर हुए एक सर्वेक्षण से लिये गये हैं. 2010 के बाद यूरोप में आये मुस्लिम शरणार्थियों को इस सर्वे में शामिल नहीं किया गया.

2017 में रिलिजन मॉनीटर की एक स्टडी के मुताबिक 87 फीसदी स्विस मुसलमान खाली समय में दूसरे धर्मों के लोगों से मिलते हैं. जर्मनी और फ्रांस में यह आंकड़ा 78 फीसदी है जबकि ब्रिटेन में 68 और ऑस्ट्रिया में 62 फीसदी. मुसलमानों की एक बड़ी संख्या है जो सामाजिक बेड़ियों के बावजूद गैरमुस्लिमों के साथ लगातार मिलती जुलती और समय बिताती है.

जर्मनी में पैदा हुए तीन चौथाई मुसलमान पहली भाषा के रूप में जर्मन के साथ बड़े होते हैं. प्रवासियों में केवल 20 फीसदी लोग ही ऐसे हैं जो जर्मन को अपनी पहली भाषा का दर्जा देते हों. पूरे यूरोप में नई पीढ़ी के साथ भाषाई दक्षता बढ़ रही है. इसके बाद भी जर्मनी में 46 फीसदी मुसलमान अपनी राष्ट्रभाषा को ही पहली भाषा बताते हैं. ऑस्ट्रिया में यह आंकड़ा 37 फीसदी और स्विट्जरलैंड में 34 फीसदी है.

यूरोप से कितने जुड़े हैं मुसलमान?
फ्रेंच मुसलमानों में 96 फीसदी अपने देश से जुड़ा महसूस करते हैं. इस तरह की भावना रखने वाले मुसलमानों की तादाद जर्मनी में भी लगभग इतनी ही ऊंची है, जबकि स्विट्जरलैंड में ऐसा सोचने वालों की तादाद सबसे ज्यादा 98 फीसदी है. धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए संस्थागत खुलेपन का लंबा इतिहास रखने के बावजूद ब्रिटेन के कम ही मुसलमान (89 फीसदी) यूके के साथ करीबी रिश्ता महसूस करते हैं.

रोजमर्रा में कितना जरूरी है धर्म?
प्रवासी परिवारों के मुसलमान अपने धर्म के प्रति एक मजबूत समर्पण रखते हैं जो कई पीढ़ियों तक कायम रहती है. ब्रिटेन में रहने वाले 64 फीसदी मुसलमान खुद को बेहद धार्मिक बताते हैं. ऑस्ट्रिया में ऐसे मुसलमानों की तादाद 42 फीसदी, जर्मनी में 39 फीसदी, फ्रांस में 33 फीसदी और स्विट्जरलैंड में 26 फीसदी है.


कितने फीसदी मुसलमान डिग्री लेते हैं?

आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी में पैदा हुए 36 फीसदी मुसलमान 17 साल की उम्र तक पढ़ाई खत्म कर लेते हैं और आगे पढ़ाई नहीं करते. ऑस्ट्रिया में यह तादाद करीब 39 फीसदी है. दूसरी तरफ, ज्यादा निष्पक्ष स्कूली व्यवस्था के दम पर फ्रांस में मुसलमान ज्यादा पढ़ाई करते हैं. फ्रांस में 17 साल की उम्र के मुसलमानों में 10 में से एक ही पढ़ाई छोड़ता है.

नौकरी के बाजार में कहां हैं मुसलमान?

2010 से पहले जर्मनी आने वाले 60 फीसदी से ज्यादा मुसलमानों के पास पक्की नौकरी थी. यह आंकड़ा गैरमुस्लिमों के लिए भी इतना ही था. जर्मनी में मुसलमानों के रोजगार के आंकड़े दूसरे यूरोपीय देशों की तुलना में बेहतर हैं. फ्रांस में 14 फीसदी मुसलमान बेरोजगार हैं जो गैर मुस्लिमों की 8 फीसदी तुलना में बहुत ज्यादा है.

कितने लोग इस्लाम को खारिज करते हैं?
ऑस्ट्रिया में रहने वाले हर चार गैरमुस्लिम में से एक व्यक्ति मुसलमान पड़ोसी नहीं चाहता. यह आंकड़ा यूके में भी करीब 21 फीसदी है. जर्मनी में 19 फीसदी गैरमुस्लिम कहते हैं कि वो मुसलमान पड़ोसियों का स्वागत नहीं करेंगे. स्विट्जरलैंड में यह तादाद 17 और फ्रांस में 14 फीसदी है. कुल मिला कर मुस्लिम सबसे ज्यादा खारिज किये जाने वाला सामाजिक गुट है.