बाबरी मस्जिद पर कोई समझौता नहीं, सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर- पर्सनल लॉ बोर्ड

हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक के पहले ही दिन बाबरी मस्जिद को लेकर स्टैंड साफ कर दिया गया है। बोर्ड ने साफ कहा है कि वह अपने पुराने रुख पर कायम है और मस्जिद के लिए समर्पित जमीन न तो बेची जा सकती, न उपहार में दी जा सकती और ना ही इसे त्यागा जा सकता है।

यहां नौ फरवरी से आयोजित की गई तीन दिवसीय बैठक का एजेंडा तीन तलाक और अयोध्या विवाद समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर भावी रणनीति और चर्चा करना है, जिसके पहले ही दिन बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर रुख स्पष्ट कर दिया गया।

शुक्रवार शाम बोर्ड की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद बयान जारी कर कहा गया कि ‘बोर्ड ने एक बार फिर शरिया के मौलिक स्तर पर जोर दिया कि मस्जिद के लिए समर्पित जमीन को न तो बेचा जा सकता, न उपहार में दिया जा सकता और ना ही इसे त्यागा जा सकता है।’

इस बैठक में एआईएमआईएम के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद रहे। बोर्ड की तरफ से ये भी कहा गया है कि वह बाबरी मस्जिद पर बातचीत का हमेशा स्वागत करता है। अतीत में भी ऐसे प्रयास हुए हैं। अब बोर्ड को कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

बोर्ड की तरफ से एक ट्वीट में ये भी कहा गया है कि बाबरी केस आस्था का विषय नहीं है, बल्कि जमीन के मालिकाना का है और इस संबंध में कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वो हमें स्वीकार होगा।

इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के खिलाफ लाए जा रहे कानून पर भी चर्चा होनी है। बोर्ड इस मसले पर भी अपनी राय साफ कर चुका है कि वह कानून के पत्र में नहीं है।

हालांकि, एक बार में तीन तलाक को बोर्ड भी बुराई मानता है और इसके प्रति मुस्लिम समुदाय को जागरुक करने के लिए उसने रणनीति भी बनाई है। अब देखना होगा कि आज मीटिंग के दूसरे दिन बोर्ड की कोर कमेटी इन संवेदनशील मुद्दों पर क्या फैसला लेता है।