जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवास नियमों को बदलने की कोई योजना नहीं : राज्यपाल

श्रीनगर : रविवार को जम्मू-कश्मीर में दलों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक स्थायी निवासी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नियमों को बदलने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, राज्यपाल ने मौजूदा कानून के साथ छेड़छाड़ करने के किसी भी कदम से इंकार कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय सम्मेलन के नेता उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल की “योजना” स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) जारी करने की प्रक्रिया को बदलने के लिए राज्य के जनसांख्यिकी को विकृत करने का लक्ष्य था, जबकि लोक सम्मेलन के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन भी प्रशासन से आग्रह किया कि “खुद को मूल शासन तक सीमित करें” और राज्य के लिए “नई समस्याओं का आविष्कार न करें”। राज्‍यपाल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता कविंद्र गुप्‍ता ने दावा किया था कि राज्‍य प्रशासन स्‍थायी निवासी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया को सरल बना रही है।

गुप्‍ता के इस बयान का कांग्रेस, नैशनल कॉन्‍फ्रेंस और सज्‍जाद लोन के नेतृत्‍व वाले पीपुल्‍स कॉन्‍फ्रेंस ने कड़ा विरोध किया था। नैशनल कॉन्‍फ्रेंस के उपाध्‍यक्ष उमर अब्‍दुल्‍ला को लिखे पत्र में राज्‍यपाल मलिक ने कहा कि स्‍थायी निवासी प्रमाणपत्र पर कानून ‘जम्‍मू-कश्‍मीर के कानूनी ढांचे का अभिन्‍न हिस्‍सा है और इसके साथ छेड़छाड़ का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।’

राज्‍यपाल ने कहा, ‘मैं इस बात को रेखांकित करना चाहता हूं कि बिना सभी पक्षों के साथ व्‍यापक सलाह के स्‍थायी निवासी प्रमाणपत्र को जारी करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा।’ मलिक ने उमर से कहा कि उन्हें ‘इस तरह की झूठी और बेबुनियाद खबरों’ पर ध्यान नहीं देना चाहिए। राज्यपाल ने इस बात का भी जिक्र किया कि राजभवन की फैक्स मशीन काम कर रही है और उमर का फैक्स प्राप्त हुआ है तथा इसकी पुष्टि भी की गई है ‘जबकि आप (उमर) ट्वीट कर रहे हैं कि यह (मशीन) काम नहीं कर रही है।’

बता दें कि संविधान का अनुच्छेद 35 ए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता है। ये नागरिक विशेष अधिकारों और सुविधाओं के लिए हकदार होंगे। इसके अलावा स्‍थायी निवासी प्रमाणपत्र से राज्‍य में अचल संपत्ति खरीदी जा सकती है और सरकारी जॉब में मदद मिलती है। रविवार को उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल को पत्र लिख कर कहा था कि उनकी पार्टी राज्य में पीआरसी प्रदान करने की प्रक्रिया में किसी तरह के बदलाव का विरोध करेगी।

राज्‍यपाल के इस पत्र के बाद उमर अब्‍दुल्‍ला ने ट्वीट कर उन्‍हें धन्‍यवाद दिया। उमर ने लिखा, ‘राज्‍यपाल साहब से मुझे फैक्‍स मिला है जिसे मैं यहां पर शेयर कर रहा हूं। मैं यह जानकर बेहद खुश हूं कि स्‍थायी निवास प्रमाणपत्र के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। मलिक साहब का सभी पक्षों से विचार का आश्‍वासन महत्‍वपूर्ण है। मेरा विश्‍वास है कि आगे भी विचार-विमर्श होता रहेगा क्‍योंकि हम चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं।’