तीन तलाक़ बिल को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर उंगली उठाना गलत!

सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक तीन तलाक़ पर जो भी हो रहे हैं, इसमें कहीं भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की गलती नहीं है। बल्कि अगर कही जाये कि यह सिर्फ़ मुसलमानों के खिलाफ़ साजिश है तो गलत नहीं होगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे रोकने की बहुत कोशिश की है।

मालूम हो कि लोकसभा से पास हुए तीन तलाक सम्बंधी बिल को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और लखनऊ में ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ने कहा है कि लोकसभा से पारित होने के बाद यह बिल अगर राज्यसभा से भी पास होता है तो मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की लीगल कमेटी इस पर गौर करेगी और उसके बाद इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

‘हिन्दुस्तान’ से इस बिल पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ने कहा कि यह बिल मुस्लिम औरतों के हितों के खिलाफ है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जिन तीन करोड़ मुस्लिम महिलाओं ने इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतर कर अपनी आवाज बुलंद की थी, उनकी आवाज क्यों नहीं सुनी गयी।

एक और सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को लोकसभा से पास करवाने में इतनी जल्दी क्यों की गयी, जबकि तमाम विपक्षी पार्टियों और मुस्लिम संगठनों ने पुरजोर मांग की थी कि इसे पहले सेलेक्शन कमेटी में भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।