VIDEO: अल्लाह की रहमत से नाउम्मीद होना, अल्लाह में यकीन न करने की तरह है

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. . . do not despair of the mercy of Allah.”

अल्लाह की रहमत से नाउम्मीद होना अल्लाह में यकीन न करने की तरह है।आयत बताती है कि अल्लाह सभी गुनाहों को माफ़ करता है, सिर्फ किसी और माबूद के शरीक करने को छोड़ कर। अल-ग़फ़ूर और अल-ग़फ़ार नाम अल्लाह के सबसे ज़्यादा माफ़ करने वाला सिफत बयां करती है,चूँकि अल्लाह हम सबका पैदा करने वाला है, हमारे गुनाह करने के NATURE से वाकिफ है, और फिर हम उससे माफ़ी मांगते हैं तो वह बख्श देता है!

“Verily, in the remembrance of Allah do hearts find rest”

सभी को शांति और मन के आराम की जरूरत है, अल्लाह शांति और आराम का जरिया है,अल्लाह हमें उसकी मुसलसल याद की हिदायत करता है! याद करने का मकसद दिल और रूह को पाक करना और इंसानी ज़मीर का जगाना है!

. . . If you pardon (them) and overlook, and forgive (their faults), then verily, Allah is Oft-Forgiving, Most Merciful”

जब कोई हमें तकलीफ पहुंचता है तो परेशां होना लाज़मी है! पैगंबर (pbuh) का मशहूर क़ौल है “ज़मीन पर रहने वालों पर रहम करोगे तो आसमान वाले तुम पर रहम करेंगे” [तिर्मिधि] बेशक, अल्लाह (swt) अतुलनीय रूप से सबसे ज़्यादा रहम करने वाला है। इसलिए, हम दूसरों के लिए जो कुछ भी करते हैं, अल्लाह हमें कई गुना अता करता है!

“And We are nearer to him than his jugular vein (by Our knowledge).”

अल्लाह (swt) हम सबके साथ है क्योंकि वह -अल-क़रीब है। अल्लाह (swt) कुरान में कहता है, “और वह तुम्हारे साथ है जहाँ भी तुम हो,” [57: 4]
जब मूसा (अ.स.) सबसे खतरनाक हालात में थे, उन्होंने कहा, ज़रूर, मेरे साथ मेरा रब है; वह मुझे रास्ता दिखाएगा”

. . . and who can forgive sins except Allah?”

गलती के फ़ौरन बाद अल्लाह से माफी मांगने में जल्दी करो! राज की बात यह है कि शैतान ने कभी माफी नहीं मांगी! इसमें एकदम देरी न करें क्योंकि अल्लाह माफ़ करने वाला / बख्शने वाला है जो उसे बहुत पसंद है!

“So remember me, I will remember you.”

शर्त यह है की पहले मखलूक ख़ालिक़ को याद करे! अल्लाह कहता है, मैं वैसा ही हूं जैसा मेरा बंदा गुमान करता है, अगर वह मेरे तरफ एक चल कर आता है तो मैं उसके तरफ दौड़ कर जाता हूँ! इसलिए अल्लाह को उनके नामों से पुकारा करो! अपने वक्त को अल्लाह कि याद से हरगिज़ गाफिल न होने दें,अल्लाह आपको याद रखेगा!

“And whoever fears Allah-He will make for him a way out”

और जो अल्लाह से डरता है – वह उसके लिए रास्ता बना देता है और उसे ऐसे अता करता है जिसका अंदाजा नहीं।और जो अल्लाह पर भरोसा करता है – तो वह उसके लिए काफी है… ” अल्लाह की अताअत नेमते लाता है!

“Call upon me, I will respond you.”

कुरान कह रहा है: कहो: “ऐ मेरे बंदों, जिन्होंने अपने रूह के खिलाफ गुनाह किया है है! अल्लाह के रहम से मायूस न हों क्योंकि अल्लाह सभी गुनाहों को माफ़ करता है: ” आदम के बेटों,:जब तक तुम मुझे पुकारोगे, मैं तुम्हारा जवाब दूंगा और जब माफ़ी चाहोगे, जो कुछ गुनाह तुमने किया है, उसके लिए मैं तुम्हें माफ़ कर दूंगा, और मैं बुरा नहीं मानूंगा।

“And We send down from the Qur’an that which is healing and mercy for the believers.”
Oh Allah make the Qur’an the life of our hearts’ and a departure for our sorrow and a release for our anxiety!

आयत के मुताबिक “कुरान उनके लिए शफकत व रहमत है जो इसमें यकीन रखते हैं यानि यह दिल की बीमारियों को दूर करता है, कुरान में ही दिलों की बीमारियों को इलाज है! इस से पता चलता है कि , कुरान दिलों को ज़िंदा करती है। यह दिलों की रौशनी है! इससे यह भी पता चलता है कि हमें कुरान रोज़ पढ़ना चाहिए और ये हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा होना चाहिए ताकि कुरान हमारी ज़िन्दगी में रौशनी ला सके।

(अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद इक़बाल रज़ा ने किया है)