गुजरात में पिछले साल दलितों के घोड़ी चढ़ने और मूंछ रखने को लेकर उन्हें प्रताड़ित करने या देश के अन्य इलाकों में धार्मिक आधार पर भेदभाव की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं. देश के बाहर ऐसी घटनाएं अमूमन देखने को नहीं मिलतीं. लेकिन ऐसा सोचना गलत है. बीते दिनों अमेरिका के शहर अटलांटा में गुजरात के वड़ोदरा के रहने वाले एक भारतीय-अमेरिकी साइंटिस्ट को सिर्फ इसलिए नवरात्रि के दौरान हो रहे गरबा उत्सव से निकाल दिया गया, क्योंकि उसका नाम हिंदू जैसा नहीं था. जी हां, मूल रूप से वड़ोदरा के रहने वाले और अब अमेरिकी नागरिकता प्राप्त एस्ट्रोफिजिसिस्ट करन जानी को उनके नाम की वजह से अटलांटा के शक्ति मंदिर में आयोजित गरबा उत्सव में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. आयोजकों ने करन और उनके तीन दोस्तों को यह कहते हुए बाहर कर दिया कि ‘तुम हिंदू नहीं हो’.
Year 2018 & Shakti Mandir in Atlanta, USA denied me and my friends entry from playing garba because:
“You don’t look Hindu and last name in your IDs don’t sound Hindu”
-THREAD- pic.twitter.com/lLVq4KhJtw
— Dr. Karan Jani (@AstroKPJ) October 13, 2018
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 में लेजर इंटरफॉर्मीटर ग्रैविटेशनल वेब-ऑब्जर्वेटरी (Laser Interferometer Gravitational-Wave Observatory/LIGO) की निर्माण टीम का हिस्सा रहे वैज्ञानिक करन जानी ने खुद यह जानकारी शेयर की है. करन और उनके दोस्तों के साथ धार्मिक आधार पर हुए भेदभाव के बारे में करन टि्वटर और फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया है. टि्वटर पर किए गए अपने पोस्ट में करन ने अटलांटा स्थित शक्ति मंदिर में गरबा उत्सव के आयोजकों पर आरोप लगाते हुए वीडियो भी शेयर किया है. अपने पोस्ट में करन ने लिखा है, ‘अटलांटा के शक्ति मंदिर में मुझे और मेरे दोस्तों को गरबा खेलने से रोक दिया गया. मुझसे कहा गया कि तुम देखने में हिंदू नहीं लगते और तुम्हारी आईडी में दर्ज सरनेम (उपनाम) भी किसी हिंदू का नहीं है.’
करन का आरोप- महिला मित्र से किया अभद्र व्यवहार
साइंटिस्ट डॉ. करन जानी ने टि्वटर पर एक के बाद एक किए गए अपने पोस्ट्स में आयोजकों पर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है. करन ने अपने ट्वीट में नाराजगी जताते हुए कहा है कि आयोजन स्थल पर मौजूद गरबा उत्सव के एक स्वयंसेवक ने उनकी महिला मित्र के साथ अभद्र व्यवहार किया और उसके साथ बदतमीजी से बातचीत की. करन की महिला मित्र से स्वयंसेवक ने कहा कि ‘हम तुम्हारे पर्व-त्योहारों में नहीं जाते तो तुम्हें भी हमारे उत्सव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा. महिला ने जब उस स्वयंसेवक से कहा कि वह कोंकणी है और पहली बार गरबा में आई है और उसके नाम के अंत में ‘मुर्देश्वर’ लगा है, यानी वह कन्नड़-मराठी मूल की है, तो स्वयंसेवक ने जवाब दिया कि तुम कन्नड़ नहीं, बल्कि इस्माइली हो’. करन ने अपने पोस्ट में बताया है कि वह पिछले 12 साल से अमेरिका में रह रहे हैं और 6 साल से गरबा उत्सव में भाग ले रहे हैं, लेकिन आज तक उनके साथ कभी ऐसा व्यवहार नहीं हुआ. यह काफी निराश कर देने वाली घटना है.