देश के लिए जान देने वाले AC न्यूज़ रूम में नहीं सीमा पर तैनात होते हैं

अभी कल ही की बात है मैं ये बात कर रहा था कि युद्ध कोई अच्छी चीज़ नहीं है और ये नहीं होना चाहिए. इस पर मेरे एक अज़ीज़ ने कहा कि अगर हिम्मत है तो इस बात पर लेख लिखिए.कुछ वक़्त मैंने ये सोचा कि क्या आज लोग युद्ध के लिए इस क़दर पागल हो गए हैं कि युद्ध के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की बात वो सुनने को तैयार नहीं हैं. मेरे अज़ीज़ का डर ना-जायज़ नहीं है क्यूंकि आजकल ये माहौल चला है कि जो युद्ध के समर्थन में बोलेगा बस वही देश-प्रेमी है और बाक़ी सब देश-द्रोही.ऐसा नहीं है कि मुझे उड़ी में हुए आतंकी हमले का दुःख नहीं है लेकिन देश के लोग जिस तरह से युद्ध के पीछे पागल हो रहे हैं ऐसा लग रहा है कि युद्ध जब तक करेंगे नहीं कुछ बनेगा नहीं.

Editorial :उरी हमले से मोदी को एहसास हुआ कि युद्ध कोई वीडियो गेम नहीं है

रविवार अहले सवेरे जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ जिसमें सत्रह जव़ान शहीद और करीब तीस घायल हो गए. राजनेता हो या अभिनेता सबने घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की और कठोर सज़ा दिलाने जैसे बात कही. लेकिन, प्रधानमंत्री का ये ट्वीट – “We strongly condemn the cowardly attack in Uri. I assure the nation that those behind this despicable attack will not go unpunished.” सोशल मीडिया में चटखारे और ललकारने का विषय बन गया.