दो दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा और एमएलसी के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने के बाद अपने आवास पर कोआर्डिनेटरों के साथ आगामी विधान सभा चुनाव पर चर्चा करते हुए जो कुछ कहा उसे आप पढ़ें और सोचें कि मुसलमानों की क्या हैसियत है मायावती की नजर में और भाषा से उनके अंदर का भरा ज़हर भी देखिए , जो लोग इस चुनाव में बसपा को समर्थन करने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं उनके लिए यह पढ़ना बहुत आवश्यक है।
Editorial
असम से सबक ले मायावती ,ओवैसी ही BSP को सत्ता दिला सकते है
असम के चुनाव नतीजों से कुछ बातें बिलकुल स्पष्ट हो चुकी है भाजपा एक ताकत के तरह अभी भी उन राज्यों में उभर रही जहाँ पे सालो से वो सत्ता से दूर है इस तरह भाजपा को चुनौती सिर्फ़ तभी दिया जा सकता है जब मुस्लिम वोट एकमुश्त होके किसी गठबंधन के साथ जाए .
एडिटोरियल: RSS और मीडिया की दोगली सोच ,भारत तो बने हिन्दू राष्ठ्र लेकिन कोई देश ना बने मुस्लिम राष्ठ्र
भारत और बांग्लादेश ,दोनों पडोसी देश है मगर बांग्लादेश मुस्लिम आबादी का बहुमत वही भारत में हिन्दू आबादी का है बहुमत .
BMC के सफ़ाई कर्मचारी ने हासिल की MPhil डिग्री
मुंबई – सभी चुनौतियों का सामना करते हुयें सुनील यादव ने कामयाबी की नई इबारत लिखी है सुनील ब्रिहंमुम्बाई मुंबई मुनिसिपल कारपोरेशन में सफ़ाई कर्मचारी है लेकिन उनमें तालीम हासिल करने का ज़ज्बा ऐसा था कि उन्होंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोसल साइंस से एमफिल की डिग्री हासिल कर ली है .
आरक्षण का आर्थिक आधार, यानी सवर्णों का तुष्टीकरण
सिआसत हिन्दी के लियें इस आर्टिकल को वसीम अकरम त्यागी (सहसंपादक विज़न मुस्लिम टूडे पत्रिका) द्वारा लिखा गया है
सत्यमेव जयते, मगर हिसाब कौन दे ?
By – Wasim Akram Tyagi
लेखक मुस्लिम टूडे मैग्जीन के सहसंपादक हैं
एक घटना, फिर दूसरी घटना, फिर तीसरी घटना, यहां कोई घटना नहीं बल्कि घटनाओं के खत्म न होने वाले सिलसिले हैं। बम बाद में फटता है पहले टीवी स्क्रीन पर खबर फ्लैश हो जाती है कि मास्टरमाईंड कौन है ? 2006 में मालेगांव के मुस्लिम बहुल इलाके हमीदिया मस्जिद और मुशावरत चौक इलाके में ब्लास्ट होता है, हमेशा की तरह पुलिस वही करती है जो करती आई है। इस मामले में 9 मुसलमानों को गिरफ्तार किया जाता है। अब मुम्बई की एक अदालत ने मालेगांव ब्लास्ट में सभी 9 मुस्लिम आरोपियों को बरी कर दिया है.