तहरीक अदमे इअतिमाद

रियासती असम्बली में अपोज़ीशन की तहरीक अदमे इअतिमाद पर राय दही के नताइज ने सयासी मकरूहात को वाज़िह कर दिया। हुक्मराँ पार्टी के दावा कमज़ोर साबित हुए और इस ने अपने ही अरकान को शकूक-ओ-शुबहात के गर्द-ओ-ग़ुबार में उड़ाकर दूसरी पार्टि

शहादत हजरत इमाम हुसैन (रजअ)

मार्का कर्बला की अफादियत और अहमियत को उम्मत मुस्लिमा तारीख के किसी दौर में भी फ़रामोश नहीं करसकती। आजकल जलसों और मीडिया पर उलमाए किराम के मुख़्तलिफ़ मुबाहिस चल रहे हैं। अहलेबैत से अदावत रखने वालों की राय को नज़रअंदाज कर दिया जा

एफ डी आई से मुस्लमानों के मुतास्सिर होने का ख़तरा नहीं

हैदराबाद।5 दिसंबर (सियासत न्यूज़) सयासी क़ाइदीन और दानिश्वरों को अक्सर ये शिकायत रहती है कि मुल्क को दरपेश अहम मसाइल पर भी मुस्लमान अपनी ख़ामोशी नहीं तोड़ते। एसा लगता है कि उन्हें किसी से कोई सरोकार नहीं है। चिल्लर फ़रोशी के शोब

अमरीका और अमरीकी सहाफ़त मेरी नज़र से

आमिर अली खान – मौजूदा दौर में जिस चीज़ ने सब से ज़्यादा वुसअत ,असरपज़ीर और अवामी तवज्जा हासिल की है,वो बिलाशुबा ज़राए इबलाग़ यानी मीडिया है। यही वजह है कि आज के दौर में नज़रयाती ,मआशी ,सयासी और सक़ाफ़्ती जंगें ,मैदान जंग में न

दिल्ली 100 बरस का हो गया

हिनदुसतानि दार-उल-हकूमत नई दिल्ली रवां माह सौ बरस का हो जाएगा मगर अभी तक ये मालूम नहीं है कि आया इस मौक़ा पर कोई तक़रीबात मनाई जाएंगी या फिर बर्तानिया के नौआवादियाती दौर की अलामत समझ कर नज़रअंदाज कर दिया जाएगा। 12 दिसंबर 1911 को ताजस ब

भारत में गरीबी का पता नहीं, पर चीन में होंगे 10 करोड़ गरीब

भले ही हिन्दुस्तान् में गरीबी की पैमाना और तादाद को लेकर बहस जारी हो, पर चीन ने गावॊं में रहने वालों लोगों के लिए वजाहत बदलने का फैसला कर लिया है। ताजा सरकारी फैसलॆ के मुताबिक अगर कोई भी देहाती चीनी एक डॉलर प्रतिदिन से कम कमाता है त

मिस्र में इंतिख़ाबात

मिस्र में हुसनी मुबारक के इक़तिदार को ख़तम करदेने के बाद मग़रिबी ताक़तें अपने अज़ाइम को बरुए कार लाने की कोशिश कररही हैं। मिस्र में जिस सोच और कल्चर कीतबदीली पैदा करके अपने कल्चर को फ़रोग़ देने में कोशां मग़रिब को इस वक़्त धक्क

मुस्लमानों के मसाइल

क़ौमी सतह पर गुज़श्ता एक हफ़्ता के दौरान मुस्लमानों के मसाइल का मौज़ू छाया रहा। नई दिल्ली में पॉपुलर फ्रंट आफ़ इंडिया का जलसा और मुक़र्ररीन के ख़्यालात की रोशनी में हिंदूस्तानी मुस्लमानों को दरपेश मसाइल और उन की यकसूई के लिए पे

पाकिस्तानी इलाक़ा में नाटो का हमला

मग़रिबी ममालिक और खासतौर पर अमरीका के साथ पाकिस्तान के ताल्लुक़ात इंतिहाई कशीदा होते जा रहे हैं और ताल्लुक़ात के इस नाज़ुक मरहला में कल नाटो के हैली कापटरस ने शेमाल मग़रिबी पाकिस्तान के एक सरहदी फ़ौजी चेक प्वाईंट ही को निशाना बनाया

अमरीका और अमरीकी मुस्लमान मेरी नज़र से

आमिर अली ख़ान– आज में अपनी बात की शुरूआत अमरीकी अख़बार यु एस ए टोडे के उस ए दारती पैराग्राफ़ से करना चाहूंगा जिस में अमरीकी मुस्लमानों के हवाले से PEW रिसर्च सैंटर के सर्वे पर तबसरा किया गया है। अख़बार लिखता है किदूसरे लोगों क

रीटेल मैं रास्त बैरूनी सरमाया कारी

मर्कज़ में यू पी ए हुकूमत ने बिलआख़िर रीटेल शोबा में भी रास्त बैरूनी सरमाया कारी की इजाज़त देदी है । मर्कज़ी काबीना का कल शाम एक इजलास वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह की सदारत में मुनाक़िद हुआ था जिस में रीटेल शोबा में 51 फ़ीसद तक रास्त बैर

करप्शन और अवामी ब्रहमी

करप्शन हिंदूस्तान में एक संगीन मसला बन गया है । ज़िंदगी का हर शोबा इस से मुतास्सिर है और मुलक के अवाम उस लानत से बहर क़ीमत छुटकारा पाना चाहते हैं।यही वजह है कि जब भी समाज के किसी भी गोशे की जानिब से करप्शन के ख़िलाफ़ किसी मुहिम का आग़ाज़ क

पाकिस्तानी जमहूरी हुकूमत और फ़ौज

पाकिस्तान में फ़ौज और हुकूमत के दरमयान कशीदगी कोई नई बात नहीं है। जमहूरी हुकूमत और फ़ौजी इंतिज़ामियों को एक दूसरे के ख़िलाफ़ महाज़ आरा करने और इंतिशार पैदा करने वाले वाक़ियात को हवा देने वाले भी बहुत हैं। सीवीलीयन और फ़ौजी इंतिज़ामियों

ऐस आई टी रिपोर्ट

इशरत जहां फ़र्ज़ी इनकाउनटर केस में सिर्फ पुलिस, नरेंद्र मोदी हुकूमत और सेयासी क़ाइदीन नहीं बल्कि हिंदूतवा नज़रिया रखने वालों ने भी फ़र्ज़ी इनकाउनटर बनाने में ख़ामोश तआवुन किया। ये मोदी को हिंदूतवा सियासत का एक हीरो बनाने का एक टर्नि

मिस्र में इन्क़िलाब का अहया ( फिर से आग़ाज़ )

मिस्र में एक नए बोहरान को पैदा करने के लिए फ़ौज को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। अवाम का एहसास है कि 9 माह क़बल सदर हसनी मुबारक को बेदख़ल करने के बाद फ़ौज को इक़तिदार सँभालने का मौक़ा दे कर बहुत बड़ी ग़लती की गई है। इक़तिदार को जमहूरी तौर पर

पार्लीमैंट का सरमाई इजलास

पार्लीमैंट के सरमाई इजलास का कल से आग़ाज़ होने जा रहा है । तवक़्क़ो की जा रही है कि ये इजलास गर्मा गर्म मुबाहिस से इबारत रहेगा । अप्पोज़ीशन जमातें हुकूमत को कई अवामी मसाइल पर निशाना बनाने का मंसूबा बना रही हैं जबकि हुकूमत की जानिब से

अमरीका और अमरीकी सियासत मेरी नज़र सी

आमिर अली खान –  कहते हैं कि इंसानी ज़िंदगी सफ़रदर सफ़र का एक ऐसा दायरा है जिस के आग़ाज़-ओ-इख़तताम के दौरान में बहुत दिलचस्प वाक़ियात व मोशाहिदात वाबस्ता होते हैं। और शायद यही वजह है कि बे शुमार शख़्सियतों के सफ़र नामे उनके तजुर्बात

ईरान के ख़िलाफ़ रिपोर्ट

आलमी ताक़तें अमरीका और इस के हलीफ़ों की ईमा पर बहरसूरत ईरान को निशाना बनाने का तहय्या करचुकी हैं। बैन-उल-अक़वामी जौहरी तवानाई इदारा ने जो अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की निगरानी में काम करता है एक रिपोर्ट जारी करते हुए इल्ज़ाम आइद किया है क

उत्तरप्रदेश की इंतिख़ाबी जंग

मुलक की सब से बड़ी और हस्सास समझी जाने वाली रियासत उत्तरप्रदेश में इंतिख़ाबी तैयारीयों का अमलन आग़ाज़ होचुका है । तक़रीबन हर सयासी जमात ने अपनी बिसात बिछानी शुरू करदी है और अब वहां नित नई चालें चली जा रही हैं। हर जमात चाहती है कि वो र

छोटी रियास्तें

हिंदूस्तान के फ़आल जमहूरी निज़ाम में छोटी रियास्तों के वजूद से अवामी ख़िदमात और हुक्मरानी के फ़राइज़ की अदायगी में कोई मनफ़ी असरात मुरत्तिब नहीं होंगी। छोटे छोटे इलाक़ों की देख भाल और नज़म-ओ-ज़बत की बरक़रारी में मदद मिलेगी। रियासत यूपी