फ़ासिक़ की दौलत पर रश्क मत करो कियूं के…..?

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,किसी फ़ासिक़ व फाजिर की नेमत व दौलत पर रश्क मत करो, इसलिए के तुम नहीं जानते के मरने के बाद उस से किया सुलूक होने वाला है। (मिश्कात शरीफ)

आपसी दुशमनी का नुक़्सान

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है, सिवाए उस के जिसकी क

अच्छे अख़लाक़ की अहमीयत

हजरत अबू दर्दा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया कयामत के दिन नाम-ए-आमाल की तराजू में अच्छे अख़लाक़ सब से वजनी होंगे। (तिरमिज़ी)

हसद नेकियों को खा जाता है

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हसद से परहेज़ करो क्योंकि हसद नेकियों को इस तरह खा जाता है, जैसे आग लकड़ी या घास को खा जाती है। (अबू दाऊद)

नर्म ओ गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कुछ लोग अपने नर्म ओ गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही करते हैं,अल्लाह तआला उनको जन्नत के आला दर्जों में दाखिल करेगा। (इब्ने हिब्बान)

सुन्नत रक्अतों की पाबंदी

हजरत उम्मे हबीबा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, जिसने जोहर से पहले चार रक्अतों और उसके बाद चार रक्अतों की पाबंदी की अल्लाह तआला उस पर आग को हराम करदेगा। (अहमद,तिरमिज़ी)

दुआ मांगने का अमल अल्लाह तआला को पसंद है

हजरत नोमान बिन बशीर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,दुआ मांगने से बेहतर अल्लाह तआला को कोई और अमल पसंद नहीं। (तिरमिज़ी)

दुआ की अहमीयत

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगो दुआ करने की हिम्मत ना हारो, दुआ करने की हालत में कोई शख्स हलाक नहीं किया जाता। (इब्न हिब्बान )

माँ बाप कि खिदमत में जिहाद का सवाब

हजरत अब्दुल्लाह बिन क़ैस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) कि खिदमत में हाज़िर होकर एक शख्स ने जिहाद कि इजाज़त तलब कि, फ़रमाया ” तेरे माँ बाप ज़िंदा हैं ?” उसने अर्ज़ कि हाँ !

मस्जिद में जमाअत कि फजी़लत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया, मस्जिद में जमाअत के लिए जाने वाले का हर कदम एक नेकी को वाजिब करता है,और एक गुनाह को मिटाता है। (इब्न हिबान)

मां बाप की फरमाबरदारी

हज़रत मआज़ रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने मां बाप के फरमाबरदार के लिए फ़रमाया, मां बाप के फरमाबरदार को मुबारक हो, अल्लाह तआला उस्की उम्र जियादा करे। (हाकिम)

अफज़ल इस्लाम कौनसा है?

हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) से पूछा गया बेहतर और अफज़ल इस्लाम कौनसा है? इरशाद फरमाया, मसाकीन को खान खिलाना, जाने अनजाने हर मुसलमान को सलाम करना। (बुखारी मुस्लिम)

तकसीम-ए-रिजक

खातून-ए- जन्नत हजरत सय्यदह फातिमा ज़हरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया अल्लाह तआला सुबह सादिक से लेकर तुलू-ए-आफताब तक अपने बन्दों को रिजक तकसीम करता है। (बेहकी)

अल्लाह का खौफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मासउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, जो बन्दा अल्लाह के खौफ से रोया और उसका आंसू मुंह पर बह आया है, चाहे वो कितना ही छोटा हो ,उस पर दौज़ख की आग हराम होजाती है। (इब्ने माजा)

कुरआन की फज़ीलत

हजरत उस्मान रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम में बेहतरीन शख्स वो है जो कुरआन सीखा और दूसरों को सिखाया। (बुखारी शरीफ)

मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की फज़ीलत

हजरत उस्मान बिन अफ्फान रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया जिसने पूरा पूरा वजू किया, और फ़र्ज़ नमाज़ पढने को घर से निकला, और मस्जिद में जा कर इमाम के साथ नमाज़ पढ़ी, तो उसके तमाम गुनाह माफ़ होगए। (इब्न खजीमा)

मां बाप की खिदमत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०)ने तीन मर्तबा फ़रमाया, नाक ख़ाक आलूद हो उसकी, जिसने बूढ़े माँ बाप पाए और फिर जन्नत हासिल करने में कोताही की।( बुखारी व मुस्लिम)

हाजतमंदो की मदद

हजरत अबू मूसा अशअरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) के पास कोई साएल या हाजतमंद आता तो हुजूर (स०) अपने सहाबा से फरमाते ‘उसकी मदद करो और उसकी शिफारिश करो ताके तुम्हें शिफारिश का सवाब मिले। (बुखारी शरीफ)