कन्जूसी का नुक़्सान

हजरत अस्मा रज़ी अल्लाहु तआला अनहा से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, तुम खर्च करो और गिन गिन के जमा मत करो, वर्ना अल्लाह भी तुम्हें गिन गिन के देगा, और बंद करके न रख्खो वर्ना वो भी तुम पर अपनी रहमत के दरवाज़े तुम पर बंद करदेगा। (बुख

रमज़ान में नौकरों से सुलूक का बदला

हजरत सलमान फ़ारसी रज़ी अल्लाहु तआला अनहो से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक(स०)ने फरमाया,जो कोई इस महीने में अपने ग़ुलाम से काम कम ले अल्लाह ताला उसे बख्श देगा, और दोज़ख से आज़ाद कर देगा। (इब्ने खज़ीमा)

सलाम के फाइदे

हजरत अबू दरदा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०)ने फरमाया, ऐ लोगो सलाम कसरत से किया करो इससे तुम दुनियां में सर बलंद हो जाओगे। (तिबरानी)

रमज़ान में नौकरों से सुलूक का बदला

हजरत सलमान फ़ारसी रज़ी अल्लाहु तआला अनहो से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक(स०)ने फरमाया,जो कोई इस महीने में अपने ग़लाम से काम काम ले अल्लाह ताला उसे बख्श देगा, और दोज़ख से आज़ाद कर देगा। (इब्ने खज़ीमा)

रोज़ा और तंदरुस्ती

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया,लोगो जिहाद किया करो अल्लाह तआला गनीमत आता करेगा, रोज़े रखा करो तंदरुस्त रहोगे,सफर किया करो मालदार हो जाओगे। (तिब्रानी)

सौ शहीदों का सवाब

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०)ने फ़रमाया,
फितना व फसाद के ज़माने में जो शख्स मेरी सुन्नत पे मजबूती से काइम रहेगा, उसको सौ शहीदों का सवाब मिलेगा। (बेहकी)

इलम सिखाना एक सदक़ा है

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, मुसलमान का सब से अच्छा सदक़ा ये है कि खुद इल्म सीखे, और अपने मुसलमान भाई को सिखाए। (इब्न माजा)

हुस्ने सुलूक

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, एक शख्स ने पियासे कुत्ते को जो कीचड चाट रहा था , पानी पिला दिया, उसके इस अमल के बदले उसे जन्नत अता कर दी गई। (बुखारी शरीफ)

आसान सदक़ा

हज़रत अबु ज़र गफ्फारी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, तेरा अपने भाई के सामने मुस्कुरा देना सदक़ा है,भलाई का हुक्म देना सदक़ा है, और बुराई से रोक देना सदक़ा है, किसी राह भटके को राह देखाना तेरे लिए सदक़ा है। (

आपसी अदावत का नुक़्सान

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, लोगों के आमाल हफ्ता मे दो मर्तबा पीर और जुमेरात को अल्लाह तआला के सामने पेश होते है। अल्लाह तआला सब मुसलमान बन्दों को बख्श देता है, सिवाए उस के जिसकी क

हसद नेकियों को खा जाता है

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हसद से परहेज़ करो क्योंकि हसद नेकियों को इस तरह खा जाता है, जैसे आग लकड़ी या घास को खा जाती है। (अबू दाऊद)

मुसलमान भाई की मदद

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फरमाया, अल्लाह तआला हमेशा अपने बन्दों के काम आता है जब तक ये बनदा दुसरे मुसलमान के काम में लगा रहता है । (तिबरानी)

मोमिन की पहचान

हजरत अबू अमामा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर नेकी करने के बाद तुझको ख़ुशी होती हो, और गुनाह के बाद तेरा दिल रंजीदा होता हो तो, समझ ले तू मोमिन है। (अहमद)

नेक नियती का फायदा

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) फरमाया, अगर किसी ने नेकी कि नियत कि, लेकिन नेकी उस से हुई नहीं,तब भी एक नेकी लिख दी गयी। (बुखारी व मुस्लिम)

बुखालत का नुक़सान

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया हर सुबह दो फरिश्ते आसमान से उतर कर दुआ करते हैं एक कहता है इलाही नेक काम करने वालों को जियादा दे दूसरा कहता है बखील के माल को तलफ करदे। (बुखारी व मुस्लिम)

नर्म व गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, कुछ लोग अपने नर्म व गुदाज़ बिस्तर पर ज़िक्रे इलाही करते हैं,अल्लाह तआला उनको जन्नत के आला दर्जों में दाखिल करेगा। (इब्ने हिब्बान)

रात की नमाज़

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, फ़र्ज़ नमाज़ के बाद रात की नमाज़, तमाम नमाज़ों से अफ़ज़ल है। (मुस्लिम)