हज़रत सिद्दीक़ -ए- अकबर (रज़ी०) का ख्वाब

हज़रत सिद्दीक़ अकबर रज़ी० एक बहुत बड़े ताजिर थे। आप तिजारत के सिलसिले में मुल्क ए शाम में तशरीफ़ फ़र्मा थे कि इसी दौरान एक रात आपने ख्वाब में देखा कि चांद और सूरज आसमान से उतर कर इनकी गोद में आ पड़े हैं। हज़रत सिद्दीक़ अकबर रज़ी० ने अपने हाथ स

किरदार की पुख़्तगी की वजह से दुआएं जल्द कुबूल होती हैं

जमादात, नबातात, हैवानात और इंसान सब में यही उसूल कारफ़रमा है कि बीमार अज़ू को ख़त्म करके बाक़ी जिस्म को बचा लिया जाए। ये उसूल फ़ित्रत है, दीन ए इस्लाम चूँकि दीन ए फ़ित्रत है, इसलिए शरीयत में ज़ानी को संगसार करके बाक़ी मुआशरा को बेहयाई के र

मुझे किस बात ने कुबूल इस्लाम पर आमादा किया?

प्रोफ़ेसर आर्थर एलीसन लंदन यूनीवर्सिटी में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनीयरिंग शोबा के सरबराह हैं। वो कई बरस तक बर्तानिया की सोसायटी बराए नफ़सियाती-ओ-रुहानी मुताला के सदर रहे। मज़हब के मुताला के दौरान उन्हें इस्लाम से वाक़फ़ीयत हुई। उन्होंन

सऊदी जामिआ में तालेबात के ट्राउज़र पहनने पर इम्तिना

रियाद, 16 दिसंबर: ( एजेंसी) सऊदी अरब के दार-उल-हकूमत रियाद में वाकेय् शहज़ादी नूरा बिंत अबदुर्रहमान यूनीवर्सिटी ने तालेबात ( Female Students) पर ट्राउज़र और स्कर्टस पहनने पर पाबंदी आइद कर दी है और उन पर ज़ोर दिया है कि वो कैंपस की हदूद में लिबास के

हज 2013, दरख़ास्तों की इजराई का आग़ाज़ , हज कमेटी

मर्कज़ी हज कमेटी ने हज 2013 के प्रोग्राम को क़तईयत दे दी है जिस के मुताबिक़ यक्म फरवरी 2013 से दरख़ास्त फार्मों की इजराई का अमल शुरू होगा और दरख़ास्त गुज़ारों को फी कस 300 रुपये नाक़ाबिल वापसी अदा करने होंगे । सदर नशीन हज कमेटी जनाब सय्यद

हुक़ूक़ ए ज़ोजैन (मीयाँ बीवी)

दीन ए इस्लाम दुनिया का वाहिद मज़हब है, जिसमें ज़ोजैन ( मीयाँ बीवी) के हुक़ूक़ तफ़सील से बयान किए गए हैं, जब कि किसी और मज़हब में उसकी कोई मिसाल नहीं मिलती। अल्लाह तबारक‍ ओ ‍तआला ने निकाह के अहकामात क़ुरआन ए मजीद की मुतअद्दिद सूरतों में बत

राहे रुख़सत और राहे अज़मीयत

शरीयत मुतह्हरा में मुश्किल वक़्त पर दो रास्ते बताए जाते हैं। दोनों रास्ते अल्लाह और इसके रसूल ( स०अ०व०) की तरफ़ से तजवीज़ करदा हैं। एक राह को राहे रुख़स्त कहा जाता है और दूसरे को राहे अज़मीयत।

सैय्यदना उमर फ़ारूक़ रज़ी० की फिक्र ए आखिरत

हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी० बयान करते हैं कि सैय्यदना उमर फ़ारूक़ रज़ी० की आदत थी कि हर नमाज़ के बाद कुछ देर लोगों के पास बैठते थे, किसी की कोई ज़रूरत होती तो इस पर ग़ौर करते थे। एक दिन ऐसा हुआ कि एक से ज़्यादा नमाज़ें पढ़ चुके, लेकिन आद

दुनिया की नेअमतें

हज़रत उबैदुल्लाह बिन मोहसिन रज़ी० से रिवायत है कि रसूल करीम(स०अ०व०)ने फ़रमाया तुम में से जो शख़्स इस हाल में सुबह करे कि वो अपनी जान की तरफ़ से बेखौफ हो (ज़ाहिरी तौर पर भी और बातिनी तौर पर भी)

अल्लाह तआला बेहतरीन राज़िक है

और (बाअज़ लोगों ने)जब देखा किसी तिजारत या तमाशा को तो बिखर गए उसकी तरफ़ और आप ( स०अ०व०) को खड़ा छोड़ दिया। ऐ हबीब ( स०अ०व०) उन्हें फ़रमाईए कि जो नेअमतें अल्लाह के पास हैं, वो कहीं बेहतर हैं लहू और तिजारत से, और अल्लाह तआला बेहतरीन रिज़्क देने

करबला का आख़िरी सजदा

दुनिया भर में मुसलमानों की हालत-ए-ज़ार पर जहां कुछ मुस्लिम ग़ैर मुस्लिमों को इसका ज़िम्मेदार ठहराते हैं, वहीं कुछ मुसलमानों का ये मानना है कि बहुत हद तक वो ख़ुद भी इसके ज़िम्मेदार हैं। इबादत ए इलाही हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है और इससे बे

पाँच बातों की नसीहत

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी० से रिवायत है कि (एक दिन) रसूल (स०अ०व०) ने फ़रमाया कि कौन शख़्स है जो मुझ से पाँच बातें सीखे और फिर उन पर अमल करे, या उस शख़्स को सिखाए जो उन पर अमल करने वाला हो। हज़रत अबू हुरैरा रज़ी० ने अर्ज़ किया, या रसूल अल्लाह!

बुराईयों से बचने की बैत लेने का हुक्म

ऐ नबी (स०अ०व०) जब हाज़िर हों आपकी ख़िदमत में मोमिन औरतें ताकि आप से इस बात पर बैअत करें कि वो अल्लाह के साथ किसी को शरीक नहीं बनाएगी और ना चोरी करेंगी और ना बदकारी करेंगी और ना अपने बच्चों को क़त्ल करेंगी और नहीं लगाएगी झूटा इल्ज़ाम जो उ

तब्लीग़ी इजतिमा का रक़्त अंगेज़ दुआ के साथ इख्तेताम

भोपाल, २७ नवंबर (पीटीआई) 65 वीं सहि रोज़ा आलमी तब्लीग़ी इजतिमा का इख्तेताम मुल्क में अमन-ओ-अमान और ख़ुशहाली के इलावा हिंदू मुस्लिम इत्तिहाद की रक़्त अंगेज़ दुआ पर हुआ । दुआ हज़रत मौलाना ज़ुबैर अल-हसन ने पढ़ी जिनका ताल्लुक़ नई दिल्ली के निज़ा

लखनऊ की विक्टोरिया स्ट्रीट ग़म हुसैन ( रज़ी०) के मुक़ाम में तबदील

लखनऊ, २० नवंबर (सियासत न्यूज़) पुराने लखनऊ की सब से बड़ी सड़क विक्टोरिया स्ट्रीट इन दिनों “ग़म हुसैन” स्ट्रीट में तबदील हो गई है। इस सड़क पर सब से ज़्यादा मजालिस, शुहदाए इस्लाम के जलसे और दिलसोज़ मुनाज़िर पेश किए जाते हैं।

बैतुल्लाह का ग़लाफ़ तबदील, 150 किलो सोने का इस्तिमाल

बैतुल्लाह का ग़लाफ़ तबदील कर दिया गयाहै। नया ग़लाफ़ 2 करोड़ सऊदी रयाल की लागत से 670 किलो ग्राम ख़ालिस रेशम से बनाया गया है। ग़लाफ़ की तैय्यारी में 150 किलो ग्राम ख़ालिस सोना और चांदी भी इस्तिमाल हुए।

मुसलमान मुत्तहिद रहें दुनयावी मुश्किलात का हल इस्लामी अहकामात पर अमल आवरी में मुज़म्मिर

अकता ए आलम से आए 30 लाख से ज़्यादा मुसलमानों ने आज हज की सआदत ( शुभ काम) हासिल की । मैदान ए अराफ़ात में फ़र्रज़ंदाने तौहीद का रूह परवर इजतिमा देखा गया । मुफ़्ती-ए-आज़म शेख़ अबदुलअ ज़ीज़ अल-शेख़ ने मस्जिद ए निमरा में ख़ुत्बा-ए-हज देते हुए कहा है क