60 हज अदा करने की सआदत

सऊदी अरब के 80 साला इमाम-ओ-ख़तीब आलिम दीन को 60 मर्तबा हज अदा करने की सआदत नसीब हुई है। वो दुनिया के सब से ज़्यादा फ़रीज़ा हज अदा करने वालों में सर-ए-फ़ेहरिस्त समझे जा रहे हैं।

नफरत की खेती में उगाए जा रहे फसादात

मुल्क को फ़सादात से पाक रखने और अमन-ओ-अमान की बक़ा के लिए मौक़ा परस्ताना सियासत को मुस्तरद करना चाहिए और एक ऐसे सियासी निज़ाम को फ़रोग़ देना चाहिए जो फ़िर्क़ावाराना ख़ुतूत पर राय दहिन्दों का एतिमाद हासिल करने से गुरेज़ करे।

एक बा हिजाब मेहनती लड़की ..

मेहनत कभी रायगां नहीं जाती। कहानी एक ऐसी लड़की की है जो काम चोर आरामपसंद नौजवानों के लिए एक सबक़ है। शहर के एन टी आर नगर में एक पान की दुकान हर किसी की तवज्जे की मर्कज़ बनी रहती है और वहां ग्राहकों की कसीर तादाद मौजूद रहती है। इस पान के

उर्दू सीख रही हूँ-अदाकारा एलिना कज़ान

हिन्दी फिल्मों की रूसी अदाकारा एलिना कज़ान इन दिनों उर्दू सीख रही हैं। इसके लिए उन्होंने बा़ज़ाब्ता एक उर्दू उस्ताद की खिदमात भी हासिल की हैं।

नाज़िया हसन की याद में…

नाज़िया हसन तीन अप्रैल सन उन्नीस सौ पैंसठ को कराची में पैदा हुईं। वो कमसिन थीं जब दोनों भाई बहनों ने पाकिस्तान टेलीविज़न से सेपहर ढले नशर होने वाले बच्चों की मूसीक़ी के प्रोग्राम संग संग में गीत गाने शुरू किए।

कभी चाय बेचने वाले मोहम्मद रफीक आज हैं कमोडिटी ट्रेड किंग

बीकानेर में गड्ढों से भरी गली में एक मामूली मकान है। इसके एक आम कमरे में एक ऐसा शख्स बैठा है, जिसे ढूंढना आसान नहीं है। मीडिया से मिलने में भी उनकी दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने एक अंगजरेजी अखबार के रिपोटर को बताया, ‘मैं आपसे सिर्फ इसल

बम रुक्नुद्दौला की प्लाटिंग का मंसूबा , Soul चौकस

शहर में नहर हुसैनी (बम रुक्नुद्दौला) के साफ़ और शफ़्फ़ाफ़ और शीरीं पानी के इस क़दर चर्चे थे कि आसिफ़ जाहि ख़ानदान के अफ़राद जब कभी हैदराबाद दक्कन से बाहर तशरीफ़ ले जाते तो उन के साथ इस नहर का पानी भी ज़रूर साथ रखा जाता । वैसे तो हैदर

हैदराबादी शिकारी ने आदमख़ोर चीते को हलाक कर दिया

हैदराबादी शिकारी नवाब शफ़ाअत अली ख़ान ने इतवार के रोज़ रियासत हिमाचल प्रदेश के ज़िला मंडी में दहश्त फैलाने वाले आदमख़ोर चीते को मार गिराया । आदमख़ोर चीता जो कि मुक़ामी अफ़राद के लिए वबाल जान बन गया था को हलाक करने लाईसेंस याफ़्त

हुज़ूर निज़ाम ने मुसीबत में हिंदुस्तान को 5000 किलो सोना दिया था- कैप्टन पांडू रंगा रेड्डी

हैदराबाद 5 अगस्त (सियासत न्यूज़) आसिफ़जाही हुकमरानों ने बेला लिहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत तमाम रियाया को ज़्यादा से ज़्यादा सहूलतें फ़राहम करने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी। आज रियासत आंध्र प्रदेश में जितने बड़े आबपाशी पराजेक्टस् हैं वो

डॉक्टर औसाफ़ सईद शिकागो में हिंदुस्तानी कौंसिल जेनरल मुक़र्रर

हुकूमते हिन्द ने इंडियन फॉरेन सर्विस के सीनियर ओहदेदार डॉक्टर औसाफ़ सईद को शिकागो में कौंसिल जेनरल मुक़र्रर किया है। डॉक्टर औसाफ़ सईद जो यमन में हिंदुस्तानी सफ़ीर की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दे रहे थे उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स अ

पार्लियामेंट हमला केस हुकूमत अफ़ज़ल गुरु के ख़ानदान से माज़रत करे

प्रो. एस ए आर गिलानी ने कहा कि हकूमत-ए-हिन्द को चाहीए कि वो फ़ौरी तौर पर मुल्क से बिलख़सूस कश्मीरी अवाम और अफ़ज़ल गुरु के ख़ानदान से माज़रत ख़्वाही करे।

उस्ताद नईम साबरी की कहानी उन्हीं की जुबानी

खुशनवीसी के फन में हैदराबाद से जिन लोगों ने अपनी ख़ास जगह बनाई है, उनमें उस्ताद नईम साबरी का नाम सरे फेहरिस्त है। ख़ुशनवीसी, खत्ताती या कैलिग्रैफी को उन्होंने सिर्फ एक फन के तौर पर नहीं अपनाया, बल्कि अपने श़ौक की रगों में रचा बसा कर

ज़िन्दगी यूं ही कम है मुहब्बत के लिए

उनके आने की ख़बर पहले से थी और उस शाम, सीसीआरटी में मूस़िकी की एक त़करीब में मुल़ाकात भी हो गयी। बहुत छोटी सी। अनुप जलोटा साहब जब भी हैदराबाद आते हैं, बड़े प्रोग्रामों के साथ कुछ छोटी महफिलें भी शहर के नाम कर जाते हैं। बस दो चार लोग, अ

अखल़ाकी अ़कदार कमज़ोर हो रहे हैं -जस्टिस बी. सुभाषण रेड्डी

जस्टिस बोल्लमपल्ली सुभाषण रेड्डी ज्युडिशियरी के मैदान में इज्जत की निगाह से देखे जाते हैं। केरल और मद्रास उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे और आन्ध्र प्रदेश ह्यूमन राइट्स कमिशन के सदर के तौर पर अपनी खिदमत अंजाम देने के बाद अब प्र

आबिद सुरती: रहिमन ‘पानी’ राखिए, बिन पानी सब सून …

रहीमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून……पानी गए ना ऊबरे मोती मानुष चून…… बरसों पुराना ये दोहा कभी महज उसूल पसंदी से मुतास्सिर लगता था, लेकिन महाराष्ट्र में एक शख़्स आज इस हकीकत को सच्च साबित करने में मसरूफ है।

उर्दू बहुत ख़ूबसूरत ज़ुबान है- चित्रांगदा सिंह

‘उर्दू बहुत ख़ूबसूरत ज़ुबान है, हालांकि इसका मेरा रिश्ता सीखने की स्तह पर सिर्फ आठ तालीमी घंटों का है, लेकिन जब किसी को बात करते हुए देखती/सुनती हूँ तो लगता है, सुनती ही रहूँ।’ यह ख़याल हिन्दी फिल्मों की अदाकारा चित्रांगदा सिंह के ह