अक़लियती तबक़ात की फ़लाह-ओ-बहबूद अव्वलीन तर्जीह:के सी आर

हैदराबाद 03सितंबर: चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव ने कहा कि उनकी हुकूमत हैदराबाद की गंगा जमुनी तहज़ीब के तहफ़्फ़ुज़ और अवाम की ख़ुशहाली के अह्द की पाबंद है।

चीफ़ मिनिस्टर ने हज हाउज़ नामपली में आज़मीने हज्ज के तीसरे क़ाफ़िले को विदा किया। इस मौके पर ख़िताब करते हुए के सी आर ने कहा कि उनकी हुकूमत अक़लियती तबक़ात की फ़लाह-ओ-बहबूद को अव्वलीन तर्जीह देती है और इस सिलसिले में कई इक़दामात किए जा रहे हैं।

रियासत की तरक़्क़ी और गंगा जमुनी तहज़ीब के तहफ़्फ़ुज़ के ज़रीये तमाम तबक़ात की भलाई और रियासत में अमन-ओ-अमान का माहौल पैदा करना उनकी तर्जीहात में शामिल है ताके तमाम तबक़ात यकसाँ तौर पर तरक़्क़ी कर सकें।

आज़मीने हज्ज को मुबारकबाद पेश करते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि हज एक अहम फ़रीज़ा है और इस के लिए मुंतख़ब अफ़राद यक़ीनन ख़ुश-क़िस्मत हैं।करोड़ों अफ़राद की ख़ाहिश होती हैके वो हज की सआदत हासिल करें लेकिन बहुत कम ख़ुश-नसीबों को ये मौक़ा मिलता है।

उन्होंने आज़मीने हज्ज से दरख़ास्त की कि वो रियासत की तरक़्क़ी और गंगा जमुनी तहज़ीब की बरक़रारी के लिए ख़ुसूसी दुआ करें। उन्होंने कहा कि रमज़ान उल-मुबारक के मौके पर हुकूमत ने जो इक़दामात किए थे इस से रमज़ान शानदार पैमाने पर मनाया गया और हुकूमत आइन्दा ईदैन को भी बड़े पैमाने पर मुनाक़िद करेगी।

उन्होंने कहा कि रियासत में अमन-ओ-अमान की बरक़रारी और तमाम की यकसाँ तरक़्क़ी के लिए ख़ुसूसी दुआओं की ज़रूरत है और आज़मीने हज्ज की दुआओं को अल्लाह ज़रूर क़बूल करता है। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि रियासत की तरक़्क़ी उनका ख़ाब है और हैदराबाद की गंगा जमुनी तहज़ीब दुनिया-भर में मशहूर है जिसकी बरक़रारी हम तमाम की ज़िम्मेदारी है।

चीफ़ मिनिस्टर ने मक्का मुकर्रमा में आज़मीने हज्ज के लिए रुबात की सहूलत की फ़राहमी को हुज़ूर निज़ाम का कारनामा क़रार दिया और कहा कि हुज़ूर निज़ाम की इनायत हैके उन्होंने काबा अल्लाह के क़रीब रुबात तामीर की है जिससे आज़मीने हज्ज को सहूलतें हासिल हो रही हैं।

डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने कहा कि आज़मीने हज्ज के इंतेज़ामात में तेलंगाना रियासत मुल्क भर में सर-ए-फ़हरिस्त है। चीफ़ मिनिस्टर की ख़ुसूसी दिलचस्पी और रास्त निगरानी में इंतेज़ामात किए गए। उन्होंने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर की हिदायत पर उन्होंने रुबात के मसले के हल की कोशिश की और जारीया साल 597 आज़मीने हज्ज के क़ियाम और तआम के इंतेज़ामात किए गए हैं।

इस मौके पर सैंकड़ों की तादाद में आज़मीने हज्ज के रिश्तेदार और दोस्त अहबाब मौजूद थे और तलबीहा की गूंज में आज़मीने हज्ज की ख़ुसूसी बसें शम्सआबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रवाना हुईं। आज़मीने हज्ज की ये तीसरी फ़्लाईट रात 11 बज कर 10मिनट पर शम्सआबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना हुई।