अक़ल्लीयतों के लिए 4800 करोड़ के सब प्लान का मुतालिबा(मांग‌)

हैदराबाद ३० नवंबर (सियासत न्यूज़) सदर प्रदेश कांग्रेस अक़ल्लीयत डिपार्टमैंट मुहम्मद सिराज उद्दीन ने चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी को मकतूब रवाना करते हुए रियासत में मुस्लिम अक़ल्लीयत की तरक़्क़ी और फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए 4800 क्रूर रुपय सब प्लान के ऐलान का मुतालिबा (मांग‌) किया।

उन्हों ने बहैसीयत चीफ़ मिनिस्टर दो साल की तकमील पर अक़ल्लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों की जानिब से मुबारकबाद देते हुए कहा कि दो साल में किरण कुमार रेड्डी ने मुस्लिम तहफ़्फुज़ात में दस साल की तौसीअ की ही, 301 करोड़ रुपय अक़ल्लीयती बजट को बढ़ाकर 489 करोड़ रुपय कर दिया और अब कमिशनरीयट की तशकील का ऐलान किया ही। उन्हों ने कहा कि जिस तरह एससी और एसटी तबक़ात के लिए सब प्लान तैय्यार किया गया है, इसी तरह अक़ल्लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों की तरक़्क़ी के लिए सब प्लान की ज़रूरत है। उन्हों ने मश्वरा दिया कि पहले मुस्लिम अरकान पर मुश्तमिल सब कमेटी तशकील दी जाई, बादअज़ां 12 फ़ीसद अक़ल्लीयतों के लिए आबादी के तनासुब से 4800 करोड़ रुपय सब प्लान का ऐलान किया जाए।

उन्हों ने कहा कि हुकूमत के फ़ैसला साज़ इदारों में मुस्लमानों की नुमाइंदगी कम ही। जुमला 1140 जैड पी टी सी अरकान में तीन मुस्लमान थी, जबकि कांग्रेस के 800 जैड पी टी सी अरकान मुंतख़ब हुए थी। इसी तरह 14,000 एम पी टी सी अरकान में कांग्रेस के 7600 अरकान मुंतख़ब हुए थी, जिन में सिर्फ़ 200 मुस्लिम थी। मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने मुतालिबा किया कि वो नामज़द ओहदों के इलावा अज़ला और रियास्ती सतह के कारपोरेशन, डिस्ट्रिक्ट मार्किटिंग कमेटी के सदूर नशीन, डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी कमेटी सदूर नशीन, प्लैड रस, आर टी आई मैंबरस के इलावा दीगर इदारों में मुस्लिम क़ाइदीन को नुमाइंदगी दें ।उन्हों ने वज़ीर-ए-आज़म के 15 नकाती प्रोग्राम पर सख़्ती से अमल आवरी पर ज़ोर दिया।

उन्हों ने रियासत के जिन 15 अज़ला में उर्दू को दूसरी सरकारी ज़बान का दर्जा दिया गया ही, वहां उर्दू ज़बान के फ़रोग़ के लिए इक़दामात करनी, उर्दू असातिज़ा की मख़लवा जायदादों पर तक़र्रुत और इस के लिए ख़ुसूसी डी एससी के इनइक़ाद का मुतालिबा किया। उन्हों ने बेरोज़गार मुस्लिम नौजवानों को छोटे कारोबार शुरू करने क़र्ज़ा जात की तक़सीम का मुतालिबा किया और वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए दूसरे वक़्फ़ सर्वे गज़्ट आलामीया की इजराई पर ज़ोर दिया।

उन्हों ने मुस्लमानों को स्कालरशिप के इलावा हुकूमत की दीगर सहूलतों से नफ़ा पहुंचाने , एक लाख रुपय हद आमदनी को बढ़ाकर दो लाख करने और मसाजिद के अइम्मा-ओ-मौज़नीन को माहाना तनख़्वाह फ़राहम करने का मुतालिबा(मांग‌) किया।