अखिलेश और आजम को सुप्रीम कोर्ट की नोटिस

मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हुए दंगों के मौजू पर सुप्रीम कोर्ट ने वज़ीर ए आला अखिलेश यादव और वज़ीर आजम खां को नोटिस जारी किया है। अदालत ने यह नोटिस ‘वी द पीपल’ और दिगर दो लोगों की तरफ से लगायी गयी हाई कोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में दाखिल दरखास्त को अपने यहां ट्रांसफर करने के बाद दिया है। नोटिस में कहा गया है कि 17 अक्टूबर को सभी पार्टी अदालत में हाजिर हों।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले से दाखिल दरखास्त समेत हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच की तीन दरखास्तों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। सामाजी कारकुन डॉ. नूतन ठाकुर ने लखनऊ बेंच में मुफाद ए आम्मा की अर्जी पेश कर सीबीआइ जांच की मांग की है। इसके साथ दिगर दरखास्तों में भी दिखाए गए स्टिंग ऑपरेशन समेत कई मुतनाज़ा के नुक्ते पर मुंसिफाना जांच की मांग की गई है। दरखास्त में मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश की हुकूमत की तरफ से जांच के लिए तशकील सहाय कमीशन के साथ हाई कोर्ट के जस्टिस को भी शामिल कर मुंसिफाना जांच कराई जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच समेत इस मामले से मुताल्लिक सभी दरखास्तों को तलब करते हुए सुनवाई की बात कही है। नोटिस के मुताबिक, वादीगण के इलावा अखिलेश यादव और आजम खां को निजी तौर पर या एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के ज़रिये अदालत के सामने हाजिर होने की हिदायत दी गयी हैं। 17 अक्टूबर को पार्टी की हाजिरी अगर नहीं हुई तो भी अदालत सुनवाई कर अपना फैसला देगी।