अब यूपी में भी शौचालय घोटाला, 22 ग्राम प्रधानों के बैंक एकाउंट सीज

बहराइच : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत शौचालय निर्माण में घोटाले का दायरा बढ़ रहा है । बिहार में शौचालय घोटाले के बाद इसका दायरा यूपी तक पहुंच गया है। इस पर डीएम अजयदीप सिंह ने शौचालय निर्माण में हेराफेरी पर 22 ग्राम प्रधानों के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों को सीज कर दिया है। डीएम की इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मचा है। जिले में शौचालय निर्माण में हेराफेरी की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। डीएम ने इस पर सभी प्रभावित ग्राम पंचायतों में जांच के लिए 02-02 अधिकारियों को नामित किया। विकास खंड चित्तौरा के ग्राम पंचायत जलालपट्टी में सत्यापन अधिकारी की सहायक से ये बात सामने आ रही है, बता दें कि मत्स्य निदेशक की जांच में लक्ष्य 50 शौचालय में 20 अधूरे और 30 अनिर्मित शैचालय मिले। इस पर ग्राम प्रधान मनोज जिम्मेदार पाए गए।

वहीं ग्राम पंचायत सोहरवा में 05 अधूरे शौचालय मिलने पर प्रधान चंद्र राम, ग्राम पंचायत शाहनवाजपुर में 300 के मुकाबले 20 अधूरे और 34 शौचालय अनिर्मित मिले। इस पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार निषाद, ग्राम पंचायत फकीरचक में 100 में 15 अधूरे और 67 अनारंभ मिलने पर ग्राम प्रधान भल्लर के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। वहीं विकास खंड मिहींपुरवा के ग्राम पंचायत हंसुलिया में सेमरी घटही की ग्राम प्रधान प्रियंका रावत, ग्राम पंचायत ककरहा में ग्राम प्रधान उमेश चंद्र, ग्राम पंचायत बोझिया में शिव सागर, ग्राम पंचायत मदरिया में ग्राम प्रधान रोशन अली, ग्राम पंचायत अड़गोड़वा में ग्राम प्रधान बैजनाथ, ग्राम पंचायत पेटरहा में ग्राम प्रधान मीना देवी के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गये हैं।

ग्राम पंचायत लालपुर में प्रधान रामेंद्र कुमार, फखरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत ससना के ग्राम प्रधान अनिल कुमार, सुपनी के ग्राम प्रधान हरिसहाय, विशेश्वरगंज के ग्राम पंचायत सुल्तानामाफी के ग्राम प्रधान अंबिका सिंह के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। इन सभी पर निर्धारित लक्ष्य के सामने शौचालय निर्माण में हेराफेरी व अनियमितता का आरोप है।