अमित शाह को देश के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए- महबूबा मुफ्ती

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अमित शाह के बयान को देश की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि शाह को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने सरकार के गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोगों को माल मवेशी घाटी की ओर नहीं लाने की अनुमति को गलत फैसला बताया और कहा कि उम्मीद है कि राज्यपाल इसको लेकर कार्रवाई करेंगे।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, महबूबा शुक्रवार को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के कंगन में पीडीपी के कंवेंशन के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अमित शाह और उनकी पार्टी के नेता वोट हासिल करने के लिए जिस जुबान का इस्तेमाल कर रहे हैं बड़ी असभ्य है।

हिंदुस्तान एक जम्हूरी मुल्क है और जम्मू कश्मीर ने भी हिंदुस्तान के साथ मिलने का फैसला धर्मनिरपेक्ष संस्कृति को देख कर किया है।

महबूबा ने कहा कि मैं समझती हूं कि अमित शाह को इस मुल्क के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। खासकर यहां के हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई आदि से, क्योंकि इस मुल्क की बुनियाद धर्मनिरपेक्षता के आधार पर बनी है न कि किसी धर्म के आधार पर। मुल्क सबका है और ऐसी बयानबाजी कर यह लोग इस मुल्क की बुनियाद को हिलाना चाहते हैं।

महबूबा ने कहा कि यह लोग इस मुल्क के लिए खतरा बने हैं। उनकी ऐसी बातें मुल्क की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति पर एक हमला है। बता दें कि अमित शाह ने ममता बनर्जी द्वारा किए गए सिटीजन अमेंडमेंट बिल के विरोध को लेकर कहा था कि वह पड़ोसी देशों से आए सिख, हिंदू और गोरखा रिफ्यूजी को भारतीय नागरिकता देंगे।

हंदवाड़ा में चुनाव के बाद भड़की हिंसा के दौरान हुई युवक की मौत को पीडीपी अध्यक्ष ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

वहीं सरकार द्वारा गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोगों को घाटी की ओर नहीं जाने की अनुमति को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह बहुत गलत बात है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से भी बात की है कि जो गुज्जर बक्करवाल अपने मवेशी लेकर घाटी की ओर आते हैं उन्हें यह कहकर रोका जा रहा है कि जब तक चुनाव खत्म नहीं हो जाते उन्हें अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल इस पर कार्रवाई करेंगे और जो भी बक्करवाल सांबा, कठुआ, रियासी आदि जगहों से घाटी की ओर मवेशी लाना चाहते हैं उन्हें इजाजत दी जाएगी।