अमेठी हत्याकांड की ग्राऊंड रिपोर्ट

अमेठी के महोना में एक ही परिवार के 11 लोगों की दर्दनाक हत्या का मामला धीरे धीरे उलझता जा रहा है,घटनास्थल और ग्रामवासियों की बातचीत दोनों ही कुछ एैसे सवाल उठाते हैं जो ये बताते हैं कि 11 लोगों की हत्या एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है.साथ ही ये सवालात ये भी बता रहे हैं कि जमालुद्दीन को पहले मारा गया है.
बाद में फांसी के फंदे पर लटकाया गया है।और मामले को आपराधिक रूप से दबाने के लिए जमालुद्दीन को ही हत्यारा घोषित कर दिया गया है.
तर्क के रूप में एक बहुत कमजोर बात कही गई कि जमालुद्दीनने गरीबी के कारण यह कदम उठाया।हालांकि मामला पूरे तौर पर संगठित रूप से हत्या का समझ में आ रहा है,वैसे पुलिस ने जो बयान दिया है उसके अनुसार जमालुद्दीन ने पूरी तैयारी करके घर की महिलाओं को एक दवा पीने के लिए कहा और दलील ये दी कि उसे पीने से शूगर आदि नहीं होगी, उसने दो छोटे लड़को को दवा नहीं पिलाई और कहा कि यह केवल महिलाओं के लिए है।
उसने अपनी पत्नी, चार बेटियों, भाई की विधवा, उसकी तीन बेटियों और एक भाई जो गुम हो गया है, उसकी पत्नी, और दो बेटियां समेत कुल बारह महिलाओं को दवा अपने हाथों से पिलाई .बे होश जाने के बाद सब की धारदार हथियार से हत्या करदी, स़िर्फ जमालुद्दीन की पत्नी और उसकी शादीशुदा लड़की का क़त्ल नहीं हुआ (क्योंकि वह रूम लॉक करके सोई थी)जिन्होंने होश में आने के बाद देखा कि जमालुद्दीन का शव छत से लटका हुआ है।
पुलिस के अनुसार यह बयान जमालुद्दीन की पच्चीस साल की लड़की ने दिया है।

लेकिन घटनास्थल और जमालुद्दीन का फंदे पर लटकता शव खूद साफ़ साफ़ कह रहे हैं कि मुआमला वो नहीं है जो कहा जा रहा है.
ये कुछ प्वाईंटस इसी को बता रहे हैं,

01.जमालुद्दीन को जिस दरजे का गरीब बताया जा रहा है हक़ीक़त इसके विपरीत है।

जमालुद्दीन का मकान 20 + 50 बिल्कुल पुख्ता बना हुआ है।
उसके सामने बरामदा भी है।

02.जमालुद्दीन जिस किराये की दुकान में बैटरी का काम करता था उस दुकान को उसने कुछ महीनों पहले ही खरीद लिया था

03.जमालुद्दीन के मकान के पीछे खून से लथपथ मोजे और जूते मिले जिन्हें पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है।वह जूते और चप्पल किस थे।

04.जमालुद्दीन फंदे पर लटका हुआ मिला था। उसकी लाश के पैरों से चप्पलें तक नहीं गिरी,
हालांकि फांसी के फंदे पर लटकने वाला छटपटाता है।

05. लाश के पास सिलेंडर रखा है जबकि फांसी के फंदे पर लटकने वाला कुर्सी / सिलेंडर या अन्य किसी चीज का सहारा लेकर गले में फंदा डाल कर पैर की ठोकर से सिलेंडर या कुर्सी आदि को गिराता है,
लेकिन यहां सिलेंडर थोड़ी दूरी पर रखा हुआ था। और सिलेंडर फर्श पर गिरा नहीं

06. 11 लोगों का बेरहमी के साथ तेज धारदार हथियार से गला रेत दिया जाए और हत्यारे के कपड़े और हाथ से खून का एक भी छींटे न मिले ??एैसा ना मुमकिन है,

07.मारे जाने वालों में जमालुद्दीन के दो भाभियां भी हैं, जमालुद्दीन का स्वास्थ्य देखकर यह बिल्कुल भी नहीं लगता कि उसने अपने भाभियों पर हमला किया होगा, और उन्होंने बचाव की कोशिश नहीं की होगी।?
08. कोई भी ऐसा सबूत नहीं दिखा जिससे यह लगे कि जमाल ने इतने लोगों की हत्या हो!

और उन11 से किसी ने भी खुद को बचाने का प्रयास किया हो

09.जमालुद्दीन का घर घनी आबादी में था, 11 लोगों की चीखें भी पड़ोसियों के कानों तक नहीं पहुंची।

10.अगर गांव वालों ने हत्यारा जमालुद्दीन को ही बताया था तो मीडिया वालों की गाड़ी को ग़लत रिपोर्टिंग की वजह से क्यों जलाया गया है?

11.अगर जमालुद्दीन को इतने सारे लोगों को मारना ही था तो उन्हें जहर दे देता।बेहोशी की दवा क्यों दी

12.घटना स्थल पर कोई भी शीशी या टैबलेट आदि नहीं मिली जिससे समझ में आए कि जमालुद्दीन ने ऐसा किया होगा।

13.जमालुद्दीन के मकान के अंदर दो चाकू और एक बांका मिले हैं।

पुलिस ने उन्हें हत्या के उपकरण के रूप में अपनी तहवील में लिया है।

लेकिन गांव वाले इस बात पर बहुत ज़्यादा अात्मविशासी नहीं हैं कि इन छुरियों पर खून ही लगा हुआ था या और कुछ?

15. पड़ोसियों का कहना है कि उस दिन देर रात एक कार जमालुद्दीन के घर आई थी और घर में रखा एक दोस्त का जनरेटर भी चलाया गया
था जबकि बिजली मौजूद थी।
तो शोरगुल को दबाने के लिए जनरेटर चलाया गया था?
या कोई और उद्देश्य था?

16.जमालुद्दीन के घर से सात पन्नों के काग़ज़ात बरामद हुए हैं जिन्हें फिलहाल पुलिस छिपा रही है.

वसीम अकरम त्यागी 

सह संपादक,मुस्लिम टूडे