अयोध्या यात्रा के गिरफ़्तार लोगों को 5 लाख रुपये मुआवज़ा की दर्ख़ास्त रद

इलहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने आज 84 कोसी परीक्रमा यात्रा के सिलसिले में गिरफ़्तार 1661 अफ़राद की दर्ख़ास्त रद करदी।

इस में अदालत से गुज़ारिश की गई थी कि बेक़सूर अफ़राद को गिरफ़्तार कर के 24 घंटे से ज़्यादा क़ैद रखा गया जिन्हें अब रेहा कर दिया गया है इस लिए उन में से हर एक को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा अदा किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट की ऐडवोकेट रंजना अग्नी होत्री और दीगर पाँच वकला ने अदालत में ये दर्ख़ास्त पेश की थी।

मफ़ाद-ए-आम्मा की दर्ख़ास्त की समाअत के बाद जस्टिस इमतियाज़ मुर्तज़ा और जस्टिस वी के उपाध्याय पर मुश्तमिल बंच ने दर्ख़ास्त रद‌ करते हुए कहा कि ये मफ़ाद-ए-आम्मा के ज़ुमरे में शामिल नहीं की जा सकती। रंजना अग्नी होत्री ऐडवोकेट के एक वकील हरीशंकर जैन से अदालत ने दरयाफ़त किया कि दर्ख़ास्त गुज़ार का परीकरमा के सिलसिले में गिरफ़्तार 1661 अफ़राद से क्या ताल्लुक़ है जिस की बुनियाद पर ये दर्ख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा पेश की गई है।

हरीशंकर जैन कोई ताल्लुक़ बयान करने से क़ासिर हैं इस पर अदालत ने कहा कि गिरफ़्तार 1661 अफ़राद के अरकान ख़ानदान अगर ये दर्ख़ास्त पेश करते तो उसे दर्ख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा क़रार दिया जा सकता था। रंजना अग्नी होत्री और दीगर 5 वकला जो दर्ख़ास्त गुज़ार हैं गिरफ़्तार अफ़राद से ला ताल्लुक़ है इस लिए उनकी दर्ख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा के ज़ुमरे में शामिल नहीं है।

रंजना अग्नी होत्री ने 25 अगस्त को लखनऊ और अयोधया में गिरफ़्तार किए जाने वाले अशोक सिंघल और प्रवीण तोगाड़िया की गिरफ़्तारी के सिलसिले में हाईकोर्ट की लखनऊ बंच पर हबस-ए-बेजा की दर्ख़ास्त पेश की थी जिस को अदालत ने समाअत केलिए मंज़ूर करलिया था और समाअत के बाद उन अफ़राद की रिहाई के एहकाम जारी किए थे ताहम उन्हें पाँच लाख रुपये अदा करने की आज की दर्ख़ास्त रद‌ करदी गई।

विश्वा हिंदु परिषद ने 84 कोसी परीकरमा यात्रा के होने का ऐलान किया था जिस पर हुकूमत यू पी ने इमतिना आइद कर दिया था। इस के बावजूद अशोक सिंघल के यू पी पहुंचने पर उन्हें एय‌र पोर्ट से ही गिरफ़्तार करलिया गया जबकि प्रवीण तोगाड़िया पुरइसरार तौर पर परीकरमा के दिन इराज़ी राम मंदिर के अहाता में नमूदार हुए थे जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।