‘असहिष्णुता’ देश के अल्पसंख्यकों पर बरस रहे कहर के लिए एक छोटा लफ्ज़ : अरुंधति रॉय

“देश के अलपसंख्यक जिस  डर और दहशत के माहौल में जी रहे हैं उसको एक लफ्ज़ “असहिष्णुता” में बयान नहीं किया जा सकता। ”  यह कहना है देश की जानी मानी लेखिका अरुंधति रॉय का।

रॉय ने कहा : ” लोगों का क़त्ल किया जा रहा है, उन्हें ज़िंदा जलाया जा रहा है और भी बहुत कुछ हो रहा है जिसको बयां करने के लिए सिर्फ “असहिष्णुता” लफ्ज़ नाकाफ़ी है।  इस मंज़र को बयां करने के लिए कोई और लफ्ज़ इज़ाद करना होगा। “

रॉय के इस ब्यान से इतनी बात तो साफ़ है की देश में हो रही हरकतों को लेकर हर देशवासी परेशान और गुस्से में है। देश की सरकार इस आग को छुपाने की कितनी भी कोशिश करे धुएं को छुपाना उसके बस की बात नहीं। अपनी बात जारी रखते हुए रॉय ने कहा बीजेपी सरकार हिन्दू राष्ट्र्वाद के नाम पर ब्राह्मणवाद को बढ़ावा दे रही है। बीजेपी देश की महान शख्शियतों को ” महान हिन्दू ” बताने में लगी है जबकि बाबा साहेब आंबेडकर जैसी महान शख्शियत ने हिन्दू धर्म छोड़ दिया था।

55 साल की बुकर अवार्डी रॉय यहाँ पुणे में हो रहे एक समारोह में शिरक़त करने पहुंची थीं जहाँ उन्हें महात्मा ज्योतिबा फूले अवार्ड से नवाज़ा गया।