आतंकी ना भारत की सरज़मीं में दफनाए जाएंगे, ना ही उनके जनाजे की नमाज पढ़ी जाएगी- इमाम काउंसिल

नई दिल्ली: भारत में एक तरफ जहाँ सर्जीकल स्ट्राईक के जश्न का माहौल वहीं दूसरी तरफ आतंकियों की लाशों पर भी मुस्लिम उलेमाओं ने एकजुट होकर कडा रूख अपना लिया है । देश के तमाम इमामों से कहा गया है कि सरहद पार से आने वाले किसी भी आतंकवादी को ना तो भारत की सरजमीं में दफनाया जाए और ना ही उसके जनाजे की नमाज कोई इमाम अदा करे. ये संदेश ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना उमर इलियासी की ओर से तमाम इमामों को दिया गया है.

दिल्ली से आए मौलाना इलियासी लुधियाना की जामा मस्जिद में शुक्रवार को पत्रकारों से रू-ब-रू थे. मौलाना इलियासी ने पीओके में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स करने के लिए सेना और भारत सरकार की तारीफ की. मौलाना इलियासी ने कहा कि ये सिलसिला रुकना नहीं चाहिए. जब तक आतंकवादियों को जड़ से नहीं उखाड़ दिया जाता, तब तक इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक्स जारी रखने चाहिए.
मौलाना इलियासी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी तरह के रिश्ते तोड़ देने चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ये नहीं भूलना चाहिए कि उसे सबक सिखाने के लिए भारत के 25 करोड़ मुसलमान ही काफी हैं. मौलाना इलियासी के मुताबिक भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है कि अब वो आतंकवाद को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक्स में हिस्सा लेने वाले सैनिकों को राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित करने की मांग की.
मौलाना इलियासी ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी जमकर आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि हाल में दिल्ली से जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर गया था, उसमें शामिल कुछ नेताओं को अलगाववादी नेताओं से मिलने के लिए ही नहीं जाना चाहिए था. मौलाना इलियासी ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और उसे वापस लिया जाना चाहिए.

देश को सर्वोपरि मानने वाले मौलाना इलियास के इस बयान का मुस्लिम उलेमाओं ने स्वागत किया है ।