आलमी मईशत के उफ़ुक़ पर परेशानकुन बादलों का जमघट

वाशिंगटन 25 सितंबर (पी टी आई) मर्कज़ी वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने ख़बरदार किया कि आलमी मईशत के उफ़ुक़ पर परेशानकुन बादलों का जमघट है, हालाँकि ममालिक 2008-के मआशी बोहरान के असरात से छुटकारा पा चुके हैं। उन्हों ने कहा कि तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक ने इस आलमी मआशी बोहरान का काबिल-ए-सिताइश अंदाज़ में मुक़ाबला किया था। उन्हों ने कहा कि यूरोप ज़ोन के मआशी बोहरान ने अमरीका की ख़ुदमुख़तार साख को मुतास्सिर किया है। मुतमव्विल ममालिक की मालीयाती पायदारी मशकूक होचुकी है। ग़ैर मुसावी और ख़ुद रो आलमी तरक़्क़ी, तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक की सिम्त सरमाया का कम बहाव, कई उभरती मईशतों में इफ़रात-ए-ज़र की बुलंद शरहें, और सब से आख़िर में वक़फ़ा वक़फ़ा से आफ़ात समावी का नुज़ूल ये तमाम मसाइल मजमूई तौर पर नुमायां हैसियत के मआशी बोहरान में तबदील होसकते हैं जिस के तमाम ममालिक के ग़रीब अवाम पर संगीन नताइज मुरत्तिब होंगी। आलमी बैंक की तरक़्क़ीयाती कमेटी से ख़िताब करते हुए हिंदूस्तान के वज़ीर फ़ीनानस ने कहा कि आलमी मईशत, तरक़्क़ी और रोज़गार के मवाक़े की मौजूदा सूरत-ए-हाल के पेशे नज़र तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक आलमी बैंक को एक अहम शराकतदार तसव्वुर करते हैं जो उन्हें जाने पहचाने और अनजाने चैलेंजों से निमटने में मदद दे सकता है। वो उसे अपनी तवील मुद्दती तरक़्क़ीयाती मआशी ज़रूरीयात की तकमील केलिए एक ताक़तवर हलीफ़ समझते हैं। उन्हों ने कहा कि हालिया आलमी तरक़्क़ीयाती रिपोर्ट पर तबसरा करते हुए कहा कि तहफ़्फुज़ाती ज़हनीयत आलमगीर सतह पर तरक़्क़ी पज़ीर और तरक़्क़ी याफ़ता दोनों किस्म के ममालिक में रोज़गार के मवाक़े को मुतास्सिर करती है। उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान अपने मक़सद के हुसूल केलिए हर मुम्किन कोशिश का अज़म मुसम्मम करचुका है। हमारी वसीअ और जवानी के जोश और वलवला से भरपूर आबादी और आबादियाती फ़वाइद के साथ हिंदूस्तान इस आलमी तरक़्क़ीयाती रिपोर्ट के इन्किशाफ़ात का गहिरी दिलचस्पी से जायज़ा ले रहा है और मुस्तक़बिल के बारे में पुरउम्मीद हैं।